पटना, (पंजाब केसरी) : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि झारखंड के मजदूर तेलंगाना से विशेष ट्रेन से झारखंड लाए जा रहे है। क्या आप भाजपा के पिछलग्गू ही बने रहेंगे या बिहारहित में अपनी अंतरात्मा, ताकत व अनुभव का भी कुछ फायदा उठायेंगे? आप तो रेल मंत्री भी रहे है। केंद्र और राज्य में आपकी दमदार सरकारें है। बिहार से एनडीए के 50 सांसद है। केंद्र और राज्य में रामबिलास पासवान जी और आप जैसे अनुभवी एवं कथित धुरंधर और चाणक्य है। फिर भी बिहार को ना जरूरी स्वास्थ्य उपकरण, वेंटिलेटर और ना ही ट्रेन की मदद मिल पा रही है। अब आप सहित सभी बिहारवासियों को आदरणीय लालू प्रसाद जी का महत्व समझ में आ रहा है। बताइए, जब झारखंड को ट्रेन मिल सकती है तो ड़बल इंजन बिहार सरकार को क्यों नही? क्या इसी विकास की खोज में जनादेश का अपमान किया गया था? आप विपक्ष के इस अहम सवाल से भाग नही सकते?
श्री यादव ने कहा कि 15 सालों की नीतीश-भाजपा सरकार के पास बिहार में मात्र 600 बसें है। सरकार को लाखों बिहारी भाईयों को वापस लाने में खर्चा दिखता है लेकिन सरकार विज्ञापन पर 500 करोड़ खर्च करने में नहीं हिचकती? नीतीश सरकार सृजन और शौचालय समेत 55 घोटाले कर प्रदेश का लाखों करोड़ अब तक हज़म कर चुकी है। हर वर्ष मानव शृंखला की नौटंकी और ऊपर से उसकी दर्जनों हेलिकॉप्टरों द्वारा फ्रोटोग्राफी पर करोड़ों खर्च करती है। जल-जीवन हरियाली के नाम 24500 करोड़ खर्च करती है लेकिन लगभग 40 लाख अप्रवासी बिहारियों के जीवन की कोई चिंता नहीं। सरकार के 15 साल के कथित विकास का भांडा फूट चुका है। इनका सुशासनी दोहरापन उजागर हो चुका है। हमने मजदूरों को वापस लाने के लिए सरकार को शुरू में 2000 बसों की सहायता प्रदान की है। लेकिन अहंकारी सरकार कोई सुझाव, सलाह और सहायता लेने को तैयार नहीं। विपक्ष और जनदबाव में ये कुछ करने का अभिनय मात्र करते है। यह सरकार बस मीडिया मैनज्मेंट के दम पर ही सारी जंग जीतना चाहती है।