पटना : जन नायक कर्पूरी ठाकुर के जयंती अवसर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सह प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने स्व. कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय के पुरौंधा बताते हुए कहा कि वे बहुयामी व्यक्तित्व के प्रतिभाशाली व्यक्ति थे उनके बारे में जो बातें कही जा रही है वह बहुत कम है। उन्होंने कहा कि स्व. ठाकुर ने सामाजिक न्याय के लिए बहुत बड़ा काम किया था। बिहार में कर्पूरी आरक्षण देने के चलते उन्हें नायकों के नायक जननायक के रूप में माने जाते हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद उन्हीं के पद-चिन्हों पर चलकर सामाजिक न्याय के मजबूत धारा को आगे बढ़ाया। जिन लोगों ने सामाजिक न्याय के धारा की लड़ाई लडऩे वाले जगदेव प्रसाद को गोलियों से छलनी कर दिया गया। वहीं सामाजिक न्याय के पुरौधा लालू प्रसाद यादव को एक साजिश के तहत झूठे केस में फंसाकर जेल के शिकंजे में बंद कर दिया।
आज कर्पूरी ठाकुर को भद्दी भद्दी गालियां देते थे आज वे वोट के चलते उनकी जयंती मना रहे हैं। उल्टे लालू प्रसाद को कहते चल रहे हैं कि कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण व्यवस्था को लालू ने ही समाप्त कर दिया। देश में आज संविधान को तोडक़र नागपुरिया संविधान लागू करने की बात की जा रही है। इसके खिलाफ हमें लड़ाई लडऩे की जरूरत है। गोड्से एवं अंग्रेजों के लोगों ने आरक्षण को समाप्त कर वर्ण व्यवस्था लागू कर दलित, महादलित, अतिपिछड़ा, पिछड़ा के अस्तित्व को समाप्त करना चाह रहे हैं। जिस तरह से केन्द्र सरकार ने एससी-एसटी जैसे कानून के साथ छेड़छाड़ कर अस्तित्व को समाप्त करना चाहती थी। इसका पूरे देश में आन्दोलन सडक़ से संसद तक उठा उसके बाद सरकार ने अपने नये कानून लागू की।
उन्होंने लोगों में जोश भरते हुए कहा कि 2014 के चुनाव के समय आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार दौरे पर आकर कहा था कि आरक्षण को सर्वेक्षण कराकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देते हुए इसे धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाना चाहिए। जिसका मुखर होकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जोरदार विरोध किया था। जिसके चलते भाजपा वालों ने उन्हें जेल में बंद कर दिया। उन्होंने खचाखच भरे कार्यकत्र्ताओं मे जोश भरते हुए कहा कि तेजस्वी यादव दलित, पिछड़ा, शोषित एवं अल्पसंख्यकों के लिए सिने पर गोली खाना मंजूर हैं लेकिन जीते -जी संविधान एवं आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने वालों से पीछे नहीं हटेंगे।
देश में नोटबंदी, जीएसटी, के बाद अब गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का झुनझुना थमा दिया गया है। इन सभी मामलों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोरदार ढंग से स्वागत किया। जितना देश से आरक्षण खत्म करने की नरेन्द्र मोदी जिम्मेवार हैं उससे ज्यादा नीतीश कुमार को मैं दोषी मानता हॅू। क्योंकि देश में 1931 के जनगणना केअनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने हेतु मंडल कमीशन आयोग बनाया गया। मंडल कमीशन आयोग ने 1978 में सिफारिशें संविधान के पटल पर रखा। उसे केन्द्र सरकार ने 1990 में बीपी सरकार ने लागू किया। तब जाकर संविधान में पिछड़ों को नौकरी में आरक्षण का लाभ मिला। लेकिन इसके लिए कई लड़ाईयां लड़ी गयी। लेकिन आज गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण लागू करने हेतु न तो कोई आयोग की सिफारिश ली गयी और न किसी तरह का सर्वेक्षण किया गया। मोदी सरकार ने रातोंरात मात्र 72 घंटे में कानून बनाकर देश के सामने लागू कर दिया। यह आरक्षण गरीब सवर्णों का नहीं बल्कि अमीर सवर्णों का झुनझुना है।
उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार केनौजवान जनता अब आरक्षण नहीं देश में 2021 का जनगणना जाति आधार पर कराकर जितना संख्या जिसकी है उसी आधार पर आरक्षण लागू करें, यही राजद की मांग है। जब आरक्षण का बैरियर 50 प्रतिशत तक टूट चुका है तो जाति आधार पर जनगणना कर पिछड़ों को 40 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। हम राज्य में लालू मूवमेंट बनाकर रोजगार एवं आरक्षण हेतु आन्दोलन करेंगे। इसके लिए सभी लोगों को जुट जाने की आवश्यकता है। जब हम केन्द्र सरकार से पिछड़ों, द लितों के लिए अधिकार मांगने जाते हैं तो उस समय मैरिट की बात की जाती थी लेकिन आज मैरिट को छोडक़र आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण की शुरूआत की गयी है। केन्द्र सरकार की दोहरी नीति अब नहीं चलेगी।
इसे राजद खत्म करके ही दम लेगी। केंद्र सरकार ने किस आधार पर आठ लाख रुपये एवं पांच एकड़ जमीन वाले सवर्णों को आरक्षण देने का प्रावधान किया है। वहीं पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा को ढ़ाईल लाख रुपये तक से ऊपर के लोगों को किमीलेयर में शामिलकर वंचित कर दिया। हम गरीब सवर्णों केआरक्षण का विरोधी नहीं है लेकिन गरीब को आरक्षण मिले लेकिन गरीब के हाथों में झुनझुना थमाकर अमीर लोगां को अमीर ब नाने का प्रावधान ठीक नहीं है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने लोगों में साहस व दम भरते हुए कहा कि जिस तरह से कर्पूरी ठाकुर ने दलित पिछड़ों को मान सम्मान दिलाने के लिए लड़ाई लड़ा उसी तरह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दलित पिछड़ों एवं शोषितों केलिए संघर्ष करते हुए जेल में सजा काट रहे हैं। आज सामाजिक न्यााय के विचारधारा को ओगे बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के साथ उपस्थित हैं। सारथी के बगैर अर्जुन तीर नहीं चला सकता। उन्होंने लोगों में दम भरते हुए कहा कि हम मैदान से भागने वालों में से नहीं हम उखाड़ फेंकने वाले हैं। आजादी की लड़ाई लडऩे वाले लोगों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हॅू। आज युवाओं में परिवर्तन लाने की क्षमता है।
हम जोश में नहीं होश में आकर आरएसएस, बजरंगदल वालों को उखाड़ फेंकेगे। जिन लोगों ने संविधान को खत्म कर लालू प्रसाद जैसे महान नेता को टारगेट करते हैं वैसे ल ोगों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। हम संघर्ष केलिए लालू प्रसाद यादव मूवमेंट चला रहे हैं इसके नीचे सभी को आना होगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डा. रामचन्द्र पूर्वे एवं मंच संचालन राजद के प्रधान महासचिव सह पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने की। इस अवसर पर पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद यादव, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अफत फातमी, सलमान परवेज, शिवचन्द्र राम, डा. तनवीर हसन, सांसद बुलो मंडल, जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, राज्यसभा सांसद मनोज झा, डा. रामानंद यादव, भाई वीरेन्द्र, अब्दुलबारी सिद्दीकी, देवमुनी सिंह यादव, संकेश यादव, रंजन कुमार, आभा रानी, पृथ्वीराज चौहान, इत्यादि हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।