पटना : युवा कांग्रेस के बिहार ईकाइ के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने नीति आयोग के नीति का विरोध किया है। श्री कुमार ने कहा कि 20 नवम्बर 2021 को नीति आयोग ने प्रकाशन करके बिहार के विकास को अंतिम पायदन पर जारी कर दिया गया। हमारे विद्धान बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने नीति आयोग को राजीव कुमार को पत्र लिख कर सरकार पर आरोप का झड़ी लगा दी है। मैं आपके माध्यम से कहना चाहता हू कि इससे पहले कैड में आपने आपति दर्ज की, कैड में करोड़ों रुपया का हवाला देकर ये बिहार सरकार को पत्र लिखा कि उसका हिसाब नही दिया जा रहा है, उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र बिहार सरकार में कैड को नही दिया गया है, इससे स्पष्ट है कि भष्ट्राचार उजागर हुआ। इसमें बिहार सरकार से लेकर भारत सरकार के जितने भी सचिव एवं सलाहकार है, राज्य की सरकार डबल इंजन की सरकार है। ये उनके रिर्पोट है, इससे यह स्पस्ट होता है कि विकास कागज पर ही हुआ हैं। जमीन के धरातल पर नहीं हुआ।
ललन कुमार ने कहा बिहार राज्य के जितने भी सचिव एवं सलाहकार है इनसे अच्छे रिपोर्ट भारत सरकार का है। कहा की क्यों आरोप लगा रहें है। यह स्पष्ट होता है कि भ्रस्टाचार के गंगोत्री में मुख्यमंत्री के साथ इनके सलाहकार एवं सचिव पुरी तरह से संलिप्त है निश्चित तौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रेरणा लेना चाहिये। अपने निजि सेक्रेटी एवं सलाहकार को बदलना चाहिये। बिहार को भष्टचार से मुक्त करना चाहिये। ये पैमाना नही है कि आपने हमें राज्य का स्पेष्ल कैटेगरी मिलना आवश्यक है। आखिर क्यों स्पेस्ल कैटेगरी दिया जाय। इसलिये दिया जाय की ताकि आप पैसे का लुटमार मचा दे। आप पिछले दस-बारह सालों से स्पेस्ल राज्य का दर्जा की मांग कर रहे है, क्योंकि अब नरेन्द्र मोदी जी समझ चुके है कि नीतीश कुमार के सुशाषन की सरकार में भ्रस्टाचार हो रहा है। इसलिये स्पेशल कैटेगरी को घोषणा की गयी लेकिन स्पेशल कैटेगरी नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री जी को अब अपने अफसरों पर कार्रवाई करना चाहिये और भ्रस्टाचार पर लगाम लगाना चाहिये ना कि पत्राचार कर अफसरशाही कर बदनाम करना चाहिये।