राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शुक्रवार को महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के बहाने बिहार की मौजूदा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने डॉ़ सिंह के साथ मरणोपरांत किए गए व्यवहार पर दुख जताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री के ट्विटर हैंडल से शुक्रवार को ट्वीट कर कहा गया, 'कल (गुरुवार को) बिहार गौरव और हमारी सांझी धरोहर महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मौत सबको एक ना एक दिन आनी ही है, लेकिन मरणोपरंत जिस प्रकार उनके पार्थिव शरीर के साथ असंवेदनशील नीतीश सरकार द्वारा जो अमर्यादित सलूक किया गया, वह अतिनिंदनीय है।'
एक अन्य ट्वीट में लिखा गया, 'क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक एंबुलेंस तक प्रदान नहीं कर सकती थी? मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को बीच सड़क रोककर उन्हें श्रद्घांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है? क्या अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुख्यमंत्री उन्हें कभी देखने गए?'कल बिहार गौरव और हमारी साँझी धरोहर महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह जी के निधन की ख़बर सुनकर बहुत दुःख हुआ। मौत सबको एक ना एक दिन आनी ही है लेकिन मरणोपरंत जिस प्रकार उनके पार्थिव शरीर के साथ असंवेदनशील नीतीश सरकार द्वारा जो अमर्यादित सलूक किया गया वह अतिनिंदनीय है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2019
एक अन्य ट्वीट में लालू प्रसाद ने राजद सरकार द्वारा सिंह के अच्छे अस्पताल में इलाज करवाने का दावा करते हुए कहा, 'हमारे कार्यकाल में मैंने उनका अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज करवाया। उनकी सेवा करने वाले पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी, ताकि वो पटना में उनकी अच्छे से देखभाल कर सकें।क्या बड़बोली डबल इंजन सरकार उस महान विभूति को एक ambulance तक प्रदान नहीं कर सकती थी?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 15, 2019
मीडिया में बदनामी होने के बाद क्या किसी के पार्थिव शरीर को सड़क बीच रोककर उसे श्र्द्धांजलि देना एक मुख्यमंत्री को शोभा देता है? क्या अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान CM उन्हें कभी देखने गए?
महान गणितज्ञ आदरणीय डॉ. वशिष्ठ बाबू को कोटि-कोटि नमन और विनम्र श्रद्घांजलि।' उल्लेखनीय है कि डॉ़ सिंह का गुरुवार को पटना में निधन हो गया था। उनके परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन उन्हें सही समय पर एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध करा सका।