लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

चारा घोटाला मामले में लालू यादव की जमानत याचिका पर 11 दिसंबर तक टली सुनवाई

चारा घोटाले के दुमका मामले में लालू को विशेष सीबीआई अदालत ने चौदह वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी। उन्हें चार मामलों में से तीन में पहले ही जमानत मिल चुकी है।

साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले के चार मामलों में से एक में राजद नेता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर शुक्रवार को उच्च न्यायालय में 11 दिसंबर तक सुनवाई टल गयी है। इस मामले में लालू को 14 वर्ष तक की कैद की सजा सुनाई गयी थी और इस समय उनका रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में इलाज चल रहा है। लालू प्रसाद की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल दलील रख रहे हैं।
इससे पूर्व इस मामले में 24 नवंबर को दाखिल अपने जवाब में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दावा किया था कि वास्तव में लालू प्रसाद ने दुमका कोषागार से गबन के मामले में अब तक एक दिन की भी सजा नहीं काटी है लिहाजा उन्हें इस मामले में अभी जमानत देने का कोई भी पुख्ता आधार नहीं बनता है जबकि लालू के वकीलों ने दावा किया है कि लालू ने इस मामले में अपनी आधी सजा न्यायिक हिरासत में पूरी कर ली है।
चारा घोटाले के दुमका मामले में लालू को विशेष सीबीआई अदालत ने चौदह वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी। उन्हें चार मामलों में से तीन में पहले ही जमानत मिल चुकी है। सीबीआई ने अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 427 का उल्लेख करते हुए अपने जवाब में कहा है कि लालू को अब तक चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में सीबीआई अदालतों ने सजा सुनायी है और दुमका मामले में उन्हें चौदह वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं किया है कि लालू को दुमका मामले में मिली सजा उन्हें चारा घोटाले के अन्य मामलों में मिली सजा के साथ ही चलेगी और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 427 के तहत सजा देने वाली अदालत के ऐसा उल्लेख न करने पर अभियुक्त की सजाएं एक के बाद एक क्रमवार चलती हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को अपने जवाब में यह भी कहा कि लालू ने स्वयं सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष अपनी सजाओं को एक साथ चलाने का कोई अनुरोध नहीं किया था।
दुमका मामले में छह नवंबर को सुनवाई प्रारंभ होते ही सीबीआई ने कहा था कि इस मामले में लालू के आधी से अधिक सजा पूरी कर लेने के दावे एवं अन्य दावों के बारे में वह लिखित रूप से अपना पक्ष रखेगी जिसके लिए उसे समय दिया जाये। हालांकि सीबीआई के इस कथन पर लालू के वकील सिब्बल ने दिल्ली से डिजिटल तरीके से उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी थी, ‘‘सीबीआई जानबूझकर अनावश्यक रूप से लालू की जमानत के इस मामले में विलंब कर रही है।’’
सिब्बल ने दावा किया था कि लालू ने दुमका कोषागार से जुड़े चारा घोटाले के इस मामले में छह नवंबर को हुई सुनवाई के दिन तक कुल 42 माह, 26 दिनों की सजा काट ली थी जो लालू को दी गयी सात वर्ष की सजा के आधे समय से अधिक है। सिब्बल ने कहा कि ऐसे में उच्च न्यायालय को उन्हें जमानत देनी चाहिए। सीबीआई का पक्ष सुनने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू की जमातन की याचिका पर सुनवाई 27 नवंबर तक के लिए टाल दी थी।

लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।