आरजेडी प्रमुख लालू यादव की मुश्किलें एकबार फिर बढ़ती नजर आ रही है। देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा मिली है। सीबीआई ने झारखंड हाईकोर्ट में लालू यादव की सजा बढ़ाने की अपील की है। जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से मामले में अपना पक्ष रखने के लिए और अधिक समय देने की मांग की है। जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआ को चार सप्ताह का समय दिया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में सीबीआई की तरफ से कहा गया है लालू यादव को देवघर ट्रेजरी मामले में सिर्फ साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी। जबकि इस मामले में दूसरे आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई गई है। सीबीआई ने इसको ही आधार बना कर सजा बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल की है।
पशुपालन विभाग को दवा और अस्पताल के लिए उपकरण
दरअसल देवघर जिला पशुपालन विभाग को दवा और अस्पताल के लिए उपकरण खरीदने के लिए 4.7 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन तब घोटाला करने वालों ने जाली रसीद के सहारे 89 लाख रुपये से अधिक की राशि की निकासी कर ली थी। इस मामले में लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल जो 5 जुलाई, 1994 को आई थी उसे 1 फरवरी, 1996 तक अपने पास रोके रखा। मामले ने जब तूल पकड़ा तब 2 फरवरी, 1996 को जांच के आदेश दिए गए।
दुमका मामले में सात साल की सजा
लालू यादव देवघर चारा घोटाला मामले के साथ ही चार और मामलों में सजायाफ्ता है। उन्हें चाईबासा ट्रेजरी से अवैध निकासी के दो मामले। दुमका ट्रेजरी से निकासी के मामले और डोरंडा मामले में सजा सुनाई गई है। लालू यादव को सबसे ज्यादा दुमका मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है।
वैध निकासी मामले में भी मुकदमा चल रहा
बिहार के बांका कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी उनपर मुकदमा चल रहा है। लालू यादव अभी सभी मामलों में बेल पर बाहर हैं। उन्हें रांची हाईकोर्ट से जमानत मिली है। लालू यादव कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। हाल ही में सिंगापुर में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है। लालू यादव को उनकी बेटी रोहिणी आचार्या ने किडनी डोनेट किया है।