जनगणना में साँप-बिच्छू,तोता-मैना,हाथी-घोड़ा,कुत्ता-बिल्ली,सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जाएँगे लेकिन पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी। वाह!
BJP/RSS को पिछड़ों से इतनी नफ़रत क्यों? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा।सबकी असलियत सामने आएगी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021
लालू यादव ने आरएसएस-बीजेपी पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के साथ ‘‘बड़ा छल’’ करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश कुल आबादी के 60 प्रतिशत से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।’’
BJP-RSS पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहा है। अगर केंद्र सरकार जनगणना फ़ॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फ़ीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गए सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है। इनका बहिष्कार हो।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 24, 2021
प्रसाद और उनके चिर प्रतिद्वंद्वी एवं मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति जनगणना के मुद्दे पर एकमत हैं। हाल में बिहार से दस दलों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और जाति आधारित जनगणना कराए जाने की मांग की थी।
लालू ने यह आरोप तब लगाया है जब एक दिन पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना ‘‘प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर’’ है और वह जनसांख्यिकी आधार पर इस सशक्त वर्ग की जनगणना प्रक्रिया के तहत गणना करने में सक्षम नहीं है।