पटना : वाम दलों ने शनिवार को राजद से अपील की कि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अपने प्रस्तावित ‘बिहार बंद’ को दो दिन पहले 19 दिसंबर को आयोजित करे, क्योंकि इस दिन उनके द्वारा राष्ट्रव्यापी संयुक्त विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस कानून के विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है। राजद का आरोप है कि इस कानून से संविधान का उल्लंघन हुआ है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) – मुक्ति, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने एक संयुक्त बयान में आरोप लगाया कि इस कानून से भारत की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक बुनियाद बर्बाद हो जाएगी।
बिहार भाकपा के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने एक बयान में कहा कि वामपंथी दल राजद से अपील करते हैं कि वह बिहार बंद को पहले 19 दिसंबर को आयोजित करे, क्योंकि इस दिन इस दिन वामपंथी दलों द्वारा राष्ट्रव्यापी संयुक्त विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
वामदलों ने कहा कि 19 दिसंबर का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि इस दिन 1927 में तीन स्वतंत्रता सेनानियों – राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान और रोशन सिंह को ब्रिटिश ने फांसी दी थी।