बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से सोमवार का दिन सियासी दलों के लिए बेहद अहम रहा। आज जहां पटना में जेडीयू की वर्चुअल रैली हुई तो वहीं लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार प्रदेश की संसदीय बोर्ड की बैठक आज बुलाई गई। दिल्ली में बुलाई गई बैठक में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान समेत कई अन्य नेता भी शामिल हुए।
चिराग ने अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय को लेकर किए गए नीतीश कुमार के फैसले को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि मारे गए अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी देने का उनका फैसला केवल चुनाव संबंधी घोषणा है।
सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी 2015 के विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले के आधार पर 40 विधानसभा सीटों पर इस बार भी चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन, गठबंधन में उसे 25 से 27 सीटों तक ऑफर किया जा रहा है। इस मुद्दे पर चिराग पासवान नाराज चल रहे हैं लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की एनडीए में एंट्री ने चिराग पासवान की परेशानी को और बढ़ा दिया है।
दरअसल, मांझी की एंट्री ही इसी मकसद से की गई है, जिससे दलित चेहरे के तौर पर रामविलास पासवान और चिराग पासवान की काट के तौर पर उन्हें भुनाया जा सके। एनडीए में आने के साथ ही जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान और उनकी पार्टी पर जिस तरीके से हमला किया है, उससे यह साबित हो रहा है।