बिहार सरकार ने सोमवार को बिहार में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है। लॉक डाउन का यह चरण राजयभर में 6 सितंबर तक लागू रहेगा । राज्य के गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि राज्य में 6 सितम्बर तक प्रतिबंध लागू रहेंगे। अधिसूचना में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 30 जुलाई को जो दिशा-निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया वह अब भी लागू रहेगा।
कहां मिलेगी छूट और कहां जारी रहेगी पाबंदी
गृह विभाग के आदेश के अनुसार सभी सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही निजी क्षेत्र के कार्यालय को भी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ खोलने के आदेश दिए गए हैं जबकि न्यायिक कार्यों से संबंधित कार्यालय-प्रतिष्ठान पटना उच्च न्यायालय प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देश के अनुसार कार्य करेंगे।
गृह विभाग के आदेश के अनुसार लॉकडाउन (एक अगस्त से 16 अगस्त) की इस अवधि में रक्षा, केंद्रीय सुरक्षा बल, ट्रेजरी, सीएनजी-एलपीजी एवं पीएनजी, आपदा प्रबंधन, विद्युत उत्पादन एवं वितरण, डाकघर, नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर, मौसम पूर्वानुमान कार्यालय पूर्ण कर्मचारी क्षमता के साथ खुले रह सकते हैं।
इसी तरह राज्य सरकार के अधीन कार्यरत पुलिस, होमगार्ड, नागरिक रक्षा, अग्निशमन एवं आपात सेवाएं, आपदा प्रबंधन, निर्वाचन एवं कारा, जिला प्रशासन, कोषागार, जल एवं स्वच्छता, बिजली, स्वास्थ्य, खाद्य एवं आपूर्ति जल संसाधन, कृषि, पशुपालन, नगरपालिका, वन एवं पर्यावरण समाज कल्याण और विधान मंडल से संबंधित कार्यालय पूर्ण कर्मचारी क्षमता के साथ खुले रह सकते हैं।
लॉकडाउन की इस अवधि में सभी सरकारी एवं निजी अस्पताल और चिकित्सा से संबंधित उत्पादन तथा वितरण की इकाइयां, दवा दुकान, जांच घर, क्लीनिक, नर्सिंग होम और एंबुलेंस सेवा प्रभावित नहीं होंगी। चिकित्सा सेवा से जुड़े सभी कर्मियों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ के लिए यातायात के साधनों के उपयोग की अनुमति होगी। इसके साथ ही पशु चिकित्सा से संबंधित सेवा और प्रतिष्ठान पर भी ऐसा ही प्रावधान लागू रहेगा।
आदेश के अनुसार एक से 16 अगस्त तक राज्य में सभी शॉपिंग मॉल बंद रहेंगे।रेस्तरां, ढाबा या अन्य भोजनालय खोलने की अनुमति होगी लेकिन लोग यहां बैठ कर खा नहीं सकेंगे और उन्हें यहां से सिर्फ होम डिलीवरी या खाद्य पदार्थों को घर ले जाने की इजाजत होगी। दुकान और बाजार खोलने के समय या बारी के संबंध में फैसला जिलाधिकारी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए करेंगे।