आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीतने से रोकने के लिए राजनीतिक दलों का महागठबंधन मिलकर काम कर रहा है। लेकिन यह संभव है कि चुनाव में उनके लिए पहले ही बहुत देर हो चुकी हो। लोकसभा चुनाव में अभी भले की काफी देर हो लेकिन महागठबंधन अभी से ही भाजपा को घेरने में जुट गई है। सत्तारूढ़ महागठबंधन 25 फरवरी को सीमांचल के पूर्णिया के उसी मैदान में एकजुटता रैली करने जा रही जहां करीब पांच महीने पहले गृह मंत्री अमित शाह ने जन भावना रैली को संबोधित किया था। वैसे, इसी दिन यानी 25 फरवरी को शाह भी बिहार की यात्रा पर रहेंगे।
एनडीए को जबरदस्त सफलता मिली
आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार का सीमांचल इलाका भाजपा और महागठबंधन दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू एक साथ चुनाव मैदान में उतरे थे, जबकि इस बार जदयू भाजपा से अलग है। पिछले चुनाव में सीमांचल में एनडीए को जबरदस्त सफलता मिली थी। वैसे, लोग अमित शाह के बिहार दौरे के दिन महागठबंधन की रैली पूर्णिया में रखना महज एक संयोग मान रहे हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि महागठबंधन की यह एक रणनीति हो सकती है।
महागठबंधन का इस दिन शक्ति परीक्षण भी होगा
मुस्लिम बहुल सीमांचल वाले क्षेत्र में भाजपा जहां अपने पुराने इतिहास को दोहराना चाहेगी वही महागठबंधन यहां अपनी बढ़त बनाने के जुगाड़ में होगी। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह 25 फरवरी को वाल्मीकीनगर और पटना में रहेंगे। ऐसे में माना जा रहा कि भाजपा और महागठबंधन का इस दिन शक्ति परीक्षण भी होगा। इसके आलावा सात दलों का महागठबंधन हाल की सियासी घटनाओं के बीच एकजुटता दिखाने की भी कोशिश करेगा।
नेता भी शामिल सभी दलों के नेता शामिल होंगे
इस मंच पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमत्री तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन के नेता भी शामिल सभी दलों के नेता शामिल होंगे। सीमांचल के मुस्लिम बहुल होने के कारण राजद की नजर इस इलाके पर टिकी है। ऐसे में भाजपा और महागठबंधन के नेता अपने नेताओं के तय कार्यक्रम की सफल करने में जुटे है। अब देखने वाली बात होगी कौन अपनी योजना में कितना सफल हो पाता है।