बिहार में शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने पदभार ग्रहण करने कुछ दिनों के बाद ही इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल फागू चौहान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर मेवालाल चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इस्तीफे के बाद मेवालाल का पहला बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सच्चे सिपाही होने के नाते उनके छवि पर कोई आंच न आए इसी को लेकर मैंने स्वतः अपने इस्तीफे की पेशकश की।
मेवालाल चौधरी ने कहा, ” मैंने नीतीश कुमार को कहा है कि जबतक मैं खुद को पाक साफ साबित नहीं कर देता, तब तक मैं आपके छवि पर कोई आंच नहीं आने दूंगा।” मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद शिक्षा विभाग का कार्यभार भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी को सौंपा गया है।
शपथ ग्रहण के बाद से ही मेवालाल विवादों में घिर गए थे। गुरुवार को उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया था। आरजेडी लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में मेवालाल की कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही थी।
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गौरतलब है कि नवनिर्वाचित जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी को राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत मिली है।मेवालाल को पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे।
असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किए जाने के मद्देनजर चौधरी को सल 2017 में नीतीश कुमार नीत जेडीयू से निलंबित कर दिया गया था। यह मामला साल 2012 में असिस्टेंट प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है।
बीजेपी ने भी तब चौधरी के खिलाफ मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था जब वह महागठबंधन सरकार के समय विपक्ष में थी। इस मुद्दे को लेकर आरजेडी सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी।