पटना : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अल्पसंख्यक हितों के एक शानदार पैरोकार की संज्ञा देते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस सिर्फ अल्पसंख्यक प्रेम का ढोंग रचते हैं, वास्तव में परिवारमोह से बाहर ये पार्टियां निकल ही नहीं पाती हैं। शायद इसीलिए राज्य में पंद्रह वर्षों में इस क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य हुए है, उसकी अन्यत्र कहीं बराबरी नहीं हो सकती है। श्री प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए कृत संकल्पित है और इसके लिए हर जरूरी योजना को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में हमारी सरकार अल्पसंख्यकों के हित में 37 योजनाएं चला रही है, जिससे अल्पसंख्यक लाभान्वित हो रहे हैं।
श्री प्रसाद ने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण एवं विकास के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के लिए वर्ष 2004-05 में अल्पसंख्यक विभाग का योजना व्यय जो मात्र 3.45 करोड़ रुपये था उसे हमारी सरकार ने बढ़ा कर 2018-19 में 438 करोड़ रुपये कर दिया। श्मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2017 से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साथ-साथ मदरसा बोर्ड से फोकानिया परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उतीर्ण छात्र-छात्राओं एवं मौलवी परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है। अल्पसंख्यक रोजागर योजना के तहत हमारी सरकार वर्ष 2017-18 से ही अल्पसंख्यक युवक-युवतियों को अधिक से अधिक रोजगार ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 25 करोड़ रुपये की राशि के स्थान पर सौ करोड़ रुपये उपलब्ध करा रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक छात्रावास योजना लागू की गई है। इसके तहत छात्रावास में रह कर अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रति माह एक हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही 15 किलो मुफ्त अनाज भी दिया जा रहा है।
श्री प्रसाद ने कहा कि जिलों में वक्फ बोर्ड की जो जमीन है वह चाहे सिया का हो या सुन्नी का वहां अच्छे भवन का निर्माण कराया जा रहा है जिससे वहां आवश्यकता पडऩे पर अल्पसंख्यकों के लिए नि:शुल्क आवासीय कोचिंग की व्यवस्था की जा सके। सभी जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनेंगे। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना का बजट 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं। परित्यक्ता महिला आर्थिक सहायता योजना की राशि को भी 10 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये किया गया है। राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम का जो हिस्सा है उसको 40 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये कर दिया गया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि हुनर कार्यक्रम के माध्यम से अल्पसंख्यक समाज की लड़कियों के शिक्षा स्तर को सुधर कर उन्हें नियोजन तथा स्वनियोजन प्राप्त करने योग्य बनाया जा रहा है। उन्हें प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया गया है। रुढि़वादी एवं कट्टरवादी शक्तिओं द्वारा महिलाओं के लिए निर्धारित सीमाओं से महिलाओं को बाहर निकालकर उनके जीवन स्तर को सुधारना तथा उन्हें सशक्त एवं साहसी बनाने एवं अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए नई रोशनी योजना चलाई जा रही है।