पटना: बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव होना है, 13 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीक हैं। इन पांच सीटों में से तीन सीटों पर एनडीए की स्थिति स्पष्ट है तो वहीं दो सीटें राजद और कांग्रेस की होगी। मगर इन दोनों सीटों पर राजद ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है, प्रेमचंद गुप्ता और अमरेंद्रधारी सिंह को। दोनों उम्मीदवारों ने विधानसभा में अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। राजद के उम्मीदवारों पर सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आपत्ती जताई है। मोदी ने राजद उम्मीदवार प्रेमचंद गुप्ता के काले कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाए।
उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने अपने काले कारोबार के हमराज प्रेमचंद गुप्ता को छठी बार बिहार से राज्यसभा में भेजा है, जबकि वे हरियाणा के रहने वाले हैं और उनका बिहार और यहां के लोगों से कभी कोई सीधा संबंध नहीं रहा है। राजद के दूसरे उम्मीदवार अमरेंद्रधारी सिंह भी राजद के राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं बल्कि 2.38 अरब की सम्पत्ति वाले ‘धनकुबेर’ हैं। मोदी ने कहा कि ए टू जेड का दावा करने वाली राजद पार्टी ने एक भी सवर्ण रघुवंश बाबू या कोई समर्पित कार्यकर्ता को टिकट नहीं दिया है, बल्कि पार्टी ने प्रेमचंद गुप्ता और ए.ड़ी सिंह जैसे धनकुबेरों को टिकट दिया है, आखिर इनसब के पीछे क्या राज है?
मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में जहां रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे अनेक नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवा लिया, बीपीएल श्रेणी के ललन चैधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी तक से नौकरी, ठेका या अन्य लाभ पहुंचाने के बदले कीमती जमीन-मकान दान के जरिए हासिल कर लिया, वे राज्यसभा में भेजने की क्या कीमत वसूलेंगे, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
साथ ही मोदी ने बताया कि रेलवे के रांची व पुरी के दो होटल कोचर बंधुओं को लीज पर देने के एवज में प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग प्रा.लि. के नाम 3.5 एकड़ जमीन लिखवाने और बाद में पटना के सगुना मोड़ स्थित उसी जमीन पर तेजस्वी यादव का 750 करोड़ की लागत से 7.66 लाख वर्ग फीट में बनने वाले बिहार के सबसे बड़ा 12 मंजिला मॉल के भ्रष्टाचार के मामले में तेजस्वी के साथ प्रेमचंद गुप्ता पर भी चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।