पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादन ने कहा कि मोदी सरकार यह वादा करते हुए सत्ता में आई थी कि वह हर वर्ष युवाओं के लिए 2 करोड़ नौकरी अर्थात पांच वर्षों में 10 करोड़ नौकरियां प्रदान करेगी किंतु उसके एक छोटे अंश को भी पूरा करने में वह पूरी तरह से नाकाम रही है। बिहार के मुख्यमंत्री रोजग़ार सृजन में जीरो है बल्कि सृजन के नाम पर उन्होंने तीन हज़ार करोड़ का सृजन घोटाला कर दिया। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की विफलता के चलते युवाओं में भारी आक्रोश है।
श्री यादव ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार सृजन ना होने के कारण देश में असंतोष और अराजकता का माहौल है। सभी विभागों में लाखों रिक्तियां है लेकिन कोई नियुक्तियां नहीं। बेरोजगारी के कारण युवा मॉब लिंचिंग, साम्प्रदायिकता, अपराध और दूसरे तरह के अनुपयोगी व असामाजिक कार्यों में लिप्त हो रहे हैं। एनएसएसओ के रिपोर्ट को सरकार ने जानबूझकर दबाया जिसके खुलासे से देश को यह जानकारी मिली कि पिछले 45 सालों में आज देश में रोजगार की सबसे भयावह स्थिति है।
एक अन्य रिपोर्ट अर्थात सीएमआईई के अनुसार असंगठित क्षेत्र से पिछले एक साल में ही कुल 1 करोड़ 10 लाख के लगभग नौकरियां लोगों से छीन गई हैं। नोटबंदी के कारण असंगठित क्षेत्र और संगठित क्षेत्र दोनों पर भारी दबाव बना और कई लोगों ने अपनी रोजग़ार व बेहतर आर्थिक स्थिति गंवा दी जिससे आज तक वे लोग और देश उबर नहीं पाया है। अर्थव्यवस्था तब से आज तक अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है और मोदी सरकार जीडीपी के झूठे आंकड़े पेश कर देश व युवाओं को दिग्भ्रमित कर रही है। सरकार रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में पूरी तरह से नाकाम रही है और उसका खामियाजा देश के मानव संसाधन, अर्थव्यवस्था, विदेशी मुद्रा भंडार, आंतरिक शांति व्यवस्था, और देश की रक्षा की स्थिति पर सीधे तौर पर पड़ रहा है।