बिहार प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रमोद राय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब घोषणा कि है कि देशवासी आत्मनिर्भर हो जाए एवं स्वदेशी अपनाए,आज देश पुछ रहा है कि प्रधानसेवक महोदय लॉकडाउन से रोजीरोजगार तबाह बरबाद हो जाने के बाद नौजवान, श्रमिक,समाज का वंचित वर्ग बिना सरकारी सहयोग के कैसे बढ़ेगा आत्मनिर्भरता की ओर, आपके द्वारा घोषित कोरोना फंड में कही गरीब नौजवानों को स्वरोजगार के लिए आथिंक सहायक देने का जिक्र नही है,न ही बेरोजगारों को रोजगार देने का कोई प्लानिंग है, प्रधानसेवक महोदय 67 हजार करोड़ रूपया का लोन बड़े मगरमछों बैंक लूटेरों का माफ कर दिया।
किसान, श्रमवीरों, छात्रों के बैंक लोन माफ करने एवं इन वर्गों को नया लोन देने की दिशा में केंद्र सरकार किसी प्रकार की कारवाई नही की है जो घोर आपत्तिजनक है,आज किसान, छोटे -छोटे उधमी,श्रमिक लॉकडाउन के कहर से बरबाद हो चुके है।
राशन कार्ड के बिना भी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज देगी मोदी सरकार
सरकार कोरोना फंड जो रिलीज किए है इस फंड में किसानों, श्रमिकों एवं समाज के वंचित वर्ग के लिए किसी प्रकार का सीधा सहायता का जिक्र नही है। भारत की अधिकांश जनसंख्या किसानों, श्रमिकों की है,जिसके आत्मनिर्भर होने के लिए सरकारी स्तर से कोरोना संक्रमण काल में कोई प्लानिंग नही है। जिससे सरकार के प्रति अन्नदाताओं, श्रमदाताओं, का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
प्रमोद राय ने कहा है कि मोदी सरकार को केवल रामदेव, विजय माल्या, निरव मोदी,ललित मोदी,जतीन मेहता जैसे बड़े बैंक लूटेरों के उज्वल भविष्य की चिंता है। जो ग्रामीण भारत आज सडक़ पर पैदल आत्मनिर्भर होने के लिए अपने गांव की ओर बढ़ रहा है। इनके भविष्य की चिंता सरकार न कर केवल आत्मनिर्भर होने की सलाह दे रही है।
सरकारी की रवैया जो कोरोना संक्रमण काल में में गरीबों के लिए खतरनाक है। सरकार केवल थैली शाहों, पूंजीपतियों की रखवाली कर रही है। गरीबों को आत्मनिर्भर होने का ज्ञान बांट रही है।