बिहार के कई जिलों में बाढ़ का विकराल रूप जारी है। राज्य के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 102 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 72 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित कई क्षेत्रों में लोग सड़क पर शरण लिए हुए हैं। नेपाल और तराई क्षेत्रों में रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद बाढ़ का संकट गहरा हो गया है।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक 102 लोगों की मौत हुई है जबकि 72 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
दरभंगा के एक गांव के स्थानीय लोगों को बारिश के बाद क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। एक ग्रामीण ने बताया, “एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है हमारे घरों में बाढ़ आए हुए। हम रेलवे ट्रैक के पास रहने के लिए बाध्य हैं। हमें अभी तक सरकार कोई भी मदद प्राप्त नहीं हुई है।
बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 133 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां 1,14,921 लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए 776 सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं। इधर, बिहार जल संसाधन विभाग से सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार, बिहार की कई नदियां बूढी गंडक, बागमती, कमला बलान और महानंदा नदी विभिन्न स्थानों पर रविवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
विभाग के मुताबिक कोसी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी गई है। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार की सुबह आठ बजे 1.41 लाख क्यूसेक था जो 10 बजे बढकर 1.44 लाख क्यूसेक हो गया। गंडक नदी का जलस्तर भी बाल्मीकिनगर बैराज के पास बढ़ा है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पूर्णिया में नए क्षेत्रों में बाढ़ के पानी का फैलाव हो रहा है। दरभंगा के सदर प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
कई सरकारी कार्यालय भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं, जिस कारण सरकारी कार्य में भी व्यवधान आ रहा है। बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने दावा करते हुए कहा कि राहत और बचाव कार्य जारी हैं। उन्होंने कहा कि राहत समाग्री पहुंचाने के लिए अब हेलीकॉटर का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने माना कि कई नए क्षेत्रों में भी बाढ़ के पानी का प्रवेश हुआ है।