बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की जमानत याचिका को एक बार फिर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बेगूसराय जिला एवं सत्र कोर्ट (सीजेएम कोर्ट) ने उनकी बेल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट में मंजू वर्मा के वकील की ओर से जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। जानकारी के अनुसार बुधवार को एडीजे प्रथम पीयूष कमल दीक्षित ने पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
मंजू वर्मा आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। और जमानत देने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि मंजू वर्मा की जमानत याचिका पहले भी खारिज की जा चुकी है।
जमानत याचिका पर सुनावाई करते हुए न्यायाधीश ने पहले फैसले को सुरक्षित रख लिया था। लेकिन डेढ़ घंटे बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट में वकील ने मंजू वर्मा के स्वास्थ्य को लेकर पक्ष रखा। लेकिन कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की छापेमारी में दैनिक रूप में कारतूस बरामद किए थे। इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है।
बता दें कि साल 2018 में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाम जुड़ने के बाद विपक्ष के भारी दबाव के बाद मंजू वर्मा को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस यौन शोषण कांड के दौरान सीबीआई ने मंजू वर्मा के मकान पर रेड डाला था जिसमें 50 जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे। इसपर पुलिस ने उनके और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
इसके बाद मंजू वर्मा अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कई दिनों तक फरार थीं। हालांकि बाद में 13 नवंबर को बेगूसराय कोर्ट पहुंचकर उन्हें सरेंडर कर दिया था। कोर्ट ने 1 दिसंबर, 2018 के दिन मंजू वर्मा और उनके पति को जेल भेज दिया था।