मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में लापरवाही बरतने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि पूरे मामले में राज्य का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाह है। सुप्रीम कोर्ट ने वहां मौजूद मुख्य सचिव से पूछा कि अगर अपराध हुआ था तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर बुधवार दो बजे सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 14 शेल्टर होम्स मे नाबालिगों के यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई न करने पर बिहार सरकार को लगाई कड़ी फटकार। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार की मानसिकता दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट ने कहा कि बच्चों के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ और सरकार कुछ कर नहीं रही है। कड़ी टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि FIR में यौन शोषण और वित्तीय गड़बड़ी का जिक्र ही नहीं किया गया है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार 24 घंटे के भीतर FIR में नई धाराएं जोड़े। कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार की कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अगर हमें मालूम चला कि रिपोर्ट में धारा 377 या पॉक्सो एक्ट के तहत कोई अपराध है और आपने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो हम सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’ बिहार के चीफ सेक्रेटरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा कि आप अपने कृत्य को जस्टिफाई करें।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड : पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के ठिकानों पर CBI का छापा
कोर्ट ने मुख्य सचिव से कल कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है। इसके अलावा बिहार सरकार को 24 घंटे में एफआईआर में बदलाव करने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने कहा, ‘बिहार सरकार मामले के आरोपियों के खिलाफ नरम रुख अपना रही है। यह शर्मनाक है।’ कोर्ट ने पूछा क्या ये बच्चे देश के नागरिक नहीं हैं? बिहार सरकार ने कोर्ट के सामने गलती मानते हुए कहा भरोसा दिलाया कि FIR की गलती को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। राज्य सरकार ने इस गलती को सुधारने के लिए अंतिम बार मोहलत मांगी। गौरतलब है की सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मंजू वर्मा की गिरफ्तारी को लेकर सरकार को फटकारा था।