पटना : राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) बिहार के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने आज एक बयान जारी कर कहा कि केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, कानूनों में प्रबंधन पक्षीय संशोधन के विरूद्ध एवं 12 सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल के प्रथम दिन देश के मजदूरों ने हड़ताल को सफल बना कर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया है। मोदी सरकार के लिए वर्ष 2019 में यह खतरे की घंटी है।
श्री सिंह ने कहा कि पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में भी इंटक कार्यकताओं एवं सम्बद्ध यूनियनों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया है। हड़ताल की आज की सफलता के लिए उन्होनें मजदूरों को बधाई दी है। केन्द्रीय श्रमिक संगठनों की रैली को डाक बंगला चौराहे पर संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार मजदूर आन्दोलन को दबाना चाहती है। श्रम कानूनों के अनुपालन को लेकर सरकार ने उद्योगपतियों एवं संस्थानों के प्रबंधन को खुली छुट दे दी है।
फलस्वरूप न्यूनतम मजदूरी, ई.एस.आई., पी.एफ एवं बोनस आदि भी मजदूरों को नहीं मिल पा रहा है। समान काम-समान वेतन की नीति को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी लागू नही किया जा रहा है। सरकारी संस्थाओं एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में नीजिकरण एवं आउटसोर्स का पुरा रास्ता खोल दिया गया है। औधोगिक नियोजन (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 में संशोधन के बाद अब कामगारों के नौकरी की कोई सुरक्षा नही रह गई है।
श्री सिंह ने कल भी हड़ताल को जारी रखने की अपील करते हुए उपस्थित मजदूरों का आह्वान किया कि देश के मजदूरों को अब बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। इस अवसर पर इंटक के श्रीनंदन मंडल, टी. के. सिंह, रणजीत कुमार, पवन सिंह, मदन प्रसाद, मोहन गोस्वामी, प्रभात कुमार सिन्हा, पवन कुमार, धमेन्द्र कुमार, भुपेश गुप्ता, अमरेन्द्र चौरसिया एवं धमेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।