पटना : हम पार्टी से. राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेन्द्र कुमार मुन्ना ने कहा कि आज एनडीए ने अपने -अपने सीटों का ऐलान कर यह बता दिया कि बिहार में चुनावी नैया पार करना मुश्किल है। भाजपा ने गया और भागलपुर जैसे परंपरागत सीटों को जदयू के हवाले कर नीतीश कुमार के आगे घुटने टेक दिया। भाजपा ने भागलपुर सीट जो एक मात्र मुस्लिम नेता शाहनवाज जी का था ,वह भी बरकरार नहीं रख पाया। यह मुस्लिम प्रेम कितना है, का परिचायक है।
ऐसे सभी सीटों पर भाजपा के कार्यकर्ता नाराज है , जिसका खामीयाजा चुनाव में देखने को मिलेगा। छणिक सत्ता सुख के खातीर सुशील मोदी ने भाजपा का बेड़ा गर्क किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मान को सुशील मोदी ने गिरवी रख दिया है। यह ऐलान मात्र ट्रेलर है अभी नामो के घोषणा के बाद एनडीए में बड़ा विद्रोह होगा। नये नारे देने से जदयू का कुछ होने वाला नहीं है,वह पंद्रह वर्षों से सत्ता में रहकर भी अकेले सरकार नहीं बना पाई और उनके सिपहसालार उन्हें चाण्क्य कह देते हैं। नये नारे से एक बार आ सकते हैं ,दुबारा नहीं।
पीके जैसे लोगों के सहारे कुर्सी पाने वाले नीतीश जी अब उन्हें भी ठिकाना लगा दिया। प्रशांत एक अच्छे रणनीतीकार हैं ,अगर वे बना सकते है तो हटा भी सकते हैं। नीतीश कुमार और सुशील मोदी जी के लिये इतना ही कह सकता हूं कि विनाश काले विपरीत बुद्धी हो गयी है जिसे बिहार के गरीब-गुरबा मतदाता समझ चुके है। पिछड़ा -अतिपिछड़ा ,अल्पसंख्यक और दलितों को झांसा देकर राज चलाने वाले दोनों महत्वकांक्षी नेताओं को इस बार मतदाता वर्तमान से भूत बना देगी।
मैं प्रशांत किशोर जी से आग्रह करता हूं कि आपके मन में जो बिहार के गरिबों के प्रति दर्द है उसके भलाई के लिये महागठबंधन में आ जायें। मैं स्वागत करूंगा। गया जैसे परमपरागत भाजपा सीट को हारने के डर से भाजपा नीतीश कुमार के हवाले कर वहां के कार्यकर्ताओं का अनादर किये है। रामविलास पासवान गरिबों के नहीं चंद मनुवादि शक्तिओं के हाथ के कठपुतली हैं। छ: सिटों में तीन परिवार के पास रखकर क्या पासवानों का भला करेंगे , रामविलास जी जैसे पदलोलुप नेताओं के चलते आज बिहार के दलितों को उचित सहभागिता नहीं मिल पा रही है। ये तीनों महत्वाकांक्षी नोताओं को इस बार मतदाता और विधाता आराम करने के लिऐ घर पर बैठा देगें।