नेपाल की सीमा से लगे बिहार में सीतामढ़ी जिले के इंदरवा बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) के निकट शुक्रवार को नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) के जवानों ने फायरिंग की, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा दो अन्य घायल हो गए। इस मामले में शनिवार को सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के डीजी कुमार राजेश चंद्र ने कहा “बिहार के सीतामढ़ी जिले के लागन यादव की एक बहु नेपाली हैं। वो नेपाल से अपने ससुराल वालों संग आ रही थीं। नेपाल के APF दल ने उन्हें नेपाल में 14 जून तक जारी लॉकडाउन के चलते वहां से जाने के लिए कहा।दोनों में इस बात को लेकर बहस हो गई।”
उन्होंने कहा कि “लोगों ने मोबाईल से फोन करके अपने गांव वालों को बुला लिया। दोनों में झड़प हुई जिसमें APF ने 15 राउंड फायरिंग की जिसमें 3 लोग घायल हुए और एक आदमी लगन यादव को APF ने पकड़ लिया। घायल में से एक आदमी का निधन निजी अस्पताल में हुआ।”
वहीं नेपाल ने अब उस भारतीय नागरिक को छोड़ दिया है, जिसे उसने शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा पर फायरिंग की घटना के दौरान हिरासत में लिया था । बंधक से छूटे उस भारतीय ने अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि “सीमा पर जवानों ने हवाई फायरिंग की।हम सब वहां से भागने लगे। वो मुझे भारत से बंदूक से पीटते हुए नेपाल ले गए।पुलिस ने मेरे साथ मार पीट की और पूछने लगी कि सच बताओ तुम्हें नेपाल से पकड़ा गया है या भारत से। मैंने बोल दिया कि आप चाहे मुझे मार दीजिए पर मुझे भारत से पकड़ा गया है।”
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बता दें कि सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नेपाल कि खुली सीमा होने के कारण इंदरवा बीओपी के निकट सीतामढ़ी जिले के कुछ लोग नेपाल जाना चाह रहे थे। कोरोना महामारी के कारण नेपाल की सीमा पर तैनात एपीएफ के जवानों ने उन्हें रोकना चाहा लेकिन वे जाने की जिद पर अड़े रहे। इसको लेकर नेपाल एपीएफ और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद जवानों ने फायरिंग कर दी।