बिहार : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार के औरंगाबाद जिले में संदिग्ध नक्सली गतिविधियों के संबंध में गुरुवार को कई स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई का उद्देश्य उन गैरकानूनी गतिविधियों की जांच करना है, जो प्रतिबंधित सीपीआई संगठन से जुड़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी 7 अगस्त 2023 को दर्ज की गई एक प्रारंभिक प्राथमिकी के तहत की गई, जिसे एनआईए ने 26 सितंबर 2023 को फिर से दर्ज किया।
बता दें कि इस मामले में दो व्यक्तियों, रोहित राय और प्रमोद यादव की गिरफ्तारी का संबंध है, जिन्हें 7 अगस्त को गोह पुलिस थाना क्षेत्र के डिहुरी नाहर गांव के पास से गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के दौरान अधिकारियों ने दो देसी पिस्तौल, 15 ज़िंदा राउंड और सीपीआई से संबंधित कई पुस्तिकाएँ बरामद कीं। दोनों ने भारत में प्रतिबंधित इस संगठन के साथ अपने संबंधों की पुष्टि की और एक महत्वपूर्ण बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें नक्सली गतिविधियों के लिए स्थानीय ठेकेदारों से धन जुटाने का निर्णय लिया गया था।
केंद्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित प्रभाव को समझते हुए एनआईए को इस मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा। एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि दोनों आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की कई धाराएं लागू की गई हैं। इस मामले की जांच को एनआईए ने 26 सितंबर को पुनः दर्ज किया, और इसके लिए पटना शाखा के पुलिस उपाधीक्षक अजय प्रताप सिंह को मुख्य जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
बता दें कि जांच अभी जारी है, और एनआईए ने सबूतों को इकट्ठा करने और मामले में शामिल अन्य संदिग्धों की पहचान करने की योजना बनाई है। एनआईए ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि नक्सली गतिविधियों का नेटवर्क और इसके पीछे के सूत्रों का खुलासा किया जा सके। बिहार में नक्सली समस्या की जड़ें गहरी हैं, और इस कार्रवाई से उम्मीद है कि इसे नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
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