जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने बिहार की नीतीश सरकार पर राज्य में माफियाराज को बढ़वा देने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इसके लिए बंदी का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है।
श्री कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुर्सी मोह में बिहार का सत्यानाश कर दिया है। शराबबंदी, बालू बंदी, दहेज बंदी, मिट्टी बंदी और अब पान मसालों की ब्रांड बंदी कर राज्य में माफियाराज को बढ़वा दिया है, क्योंकि बंदी के बावजूद भी इनकी बिक्री सरेआम हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तीन साल पहले शराबबंदी लागू की लेकिन बिहार में कौन सा ऐसा गांव या मुहल्ला है, जहां शराब नहीं मिलती है।
जविपा अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश सरकार ने बालू-गिट्टी बंदी की जिसके बाद इनकी कीमत चार गुना बढ़ गई और माफियाओं के जरिये अकूत धन की कमाई की जा रही है। एक ओर शराब को बिकवाने में शासन-प्रशासन को लगा रखा है वहीं माफिया बालू-गिट्टी को ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अब पान मसाला पर पाबंदी लगाई है, वह भी महज 12 ब्रांड पर, तो इन 12 ब्रांड के तंबाकू उत्पाद के अलावा अन्य पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। क्यों यह बंदी महज एक सालों की है। क्या यह चुनावी साल में धन उगाही के लिए है।
श्री कुमार ने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री श्री कुमार का पहला कार्यकाल वह था, जब बिहार में कोई काम नहीं हो रहा था। वे सत्ता में आये तो लगा कुछ काम हुआ। लेकिन, अगले ही कार्यकाल से उन्होंने अपनी कुर्सी सुरक्षित रखने की जद्दोजहद शुरू कर दी।
नतीजा दूसरे कार्यकाल के अंत तक जिस जंगलराज को कोस कर सरकार में आये, उसके के सहयोग से महाजंगलराज कायम किया। तीसरी बार उसी लालू यादव के साथ मिलकर सरकार बनाई और कुर्सी पर खतरा देख कर फिर से उस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जनादेश का अपमान कर चल गए।
जविपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार के कुर्सी बचाओ अभियान के कारनामों में बिहार की हालत खराब हो चुकी है। हत्या, लूट, बलात्कार, चोरी, डकैती, मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अस्पताल में चिकित्सक और नर्स नहीं है। उन्होंने कहा कि अब माफियाराज से छुटकारा पाने का वक्त आया गया है।