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नीतीश ने चंडी (नालंदा) में किया विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन

बहुत लोग समाज मे तनाव और टकराव पैदा करने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे लोगों के चक्कर में नहीं पड़ियेगा, तभी विकास का पूरा लाभ मिलेगा।

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश ने आज कृषि विभाग एवं नालंदा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित समारोह में 164 लाख रुपये की लागत से 3 योजनाओं का उद्घाटन और 12439.075 लाख रुपये की लागत वाली 66 योजनाओं का शिलान्यास रिमोट के माध्यम से किया। नालंदा के चंडी प्रखंड कार्यालय के समीप बने मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर मुख्यमंत्री ने समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

जदयू कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर एवं अंगवस्त्र भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। गव्य विकास योजनान्तर्गत दुधारू मवेशी, मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना अंतर्गत ट्यूबवेल पम्प सेट, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के साथ ही कृषि यंत्र हार्वेस्टर के लिए मिलने वाले अनुदान का लाभ मुख्यमंत्री ने लाभुकों को प्रदान किया। मुख्यमंत्री सहित मंच पर मौजूद अतिथियों ने कृषि से संबंधित पुस्तिका का विमोचन किया। जनसभा स्थल के पास लगी कृषि यांत्रिकरण मेले का रिबन काटकर उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने मेले में लगी प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

पटना से चंडी पहुँचने पर सबसे पहले मुख्यमंत्री ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में बने पॉली हाउस, वाक इन टनल हाउस एवं ओपन एरिया में उगाई जा रही सब्जी की खेती का अवलोकन कर अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से इसके बारे में पूरी जानकारी ली। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यहाँ आकर काफी खुशी हो रही है और मैं आप सभी को अपनी शुभकामनायें देता हूँ। उन्होंने कहा कि सब्जी की खेती को बढ़ावा देने एवं कृषि उत्पादकता एवं फसलों की गुणवत्ता बढाने के लिए वर्ष 2015 में इजरायल के सहयोग से चंडी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल को स्थापित किया गया, जिसे आज वहाँ जाकर मैन पहली बार देखा है।

वहाँ काफी अच्छा काम हो रहा है और मैंने सुझाव दिया है कि सेंटर में पूरे तौर पर जैविक खेती होनी चाहिए। इजरायल के सहयोग से बिहार में दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एक चंडी में सब्जी के लिये और दूसरा वैषाली में फल के लिये स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सोहसराय के सोहडीह गाँव में किसानों ने आलू और फूलगोभी की खेती इतने अच्छे तरीके से की थी कि उसकी खबर अमेरिका तक पहुंच गई। उसे देखने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टिगलेट्स वहां गए और वहाँ के किसानों की बात सुनकर वे काफी प्रभावित हुए। किसानों की बातों से प्रभावित होकर जोसेफ स्टिगलेट्स ने अपने वक्तव्य में कहा कि बिहार के किसान वैज्ञानिकों से भी ज्यादा समझदार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष नालंदा, वैशाली, पटना और समस्तीपुर में 30 डिसमिल जमीन पर जैविक तरीके से सब्जी उगाने के लिए 6 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि की शुरुआत की गई, जिसका विस्तार करते हुए अब गंगा नदी के दोनों किनारों के कुल 9 जिलों का चयन किया गया है। जैविक तरीके से सब्जी उगाने वाले किसानों को अब 30 डिसमिल जमीन पर मिलने वाली प्रोत्साहन की राशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चंडी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में 4 करोड़ 61 लाख रुपये की लागत से भवन एवं चहारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा।

सभी किसानों एवं नूरसराय के हॉर्टिकल्चर महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से हम आग्रह करेंगे कि वे चंडी आकर यहाँ के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को देखंे और समझें। उन्होंने कहा कि नूरसराय में कृषि यंत्र मेले की शुरुआत की गई है, जिसमें कृषि यंत्रों पर अनुदान देने की व्यवस्था है। बिहार में स्थानीय स्तर पर लंबे समय से कृषि यंत्र बनाये जाते हैं, उन्हें भी अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल सहायता योजना का लाभ किसानों को 1 मार्च से सीधे उनके खाते में पहुंचनी शुरू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहाँ पंचायत और नगर निकाय चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया। बालिकाओं को मिडिल और हाई स्कूलों तक पहुंचाने के लिए हमने पोशाक योजना के बाद साइकिल योजना की शुरुआत की। इसके लिए हमने 9 वीं क्लास में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की शुरुआत की। उस समय 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार से भी कम थी, जो अब बढ़कर 9 लाख के करीब हो गई है।

जब लड़कियां समूह में साइकिल चलाती हुई स्कूल जाने लगीं तो इससे लोगों की मानसिकता बदली और पूरा परिदृश्य बदल गया। लड़कियों का सशक्तिकरण हुआ और उनके अरमानों को पंख लग गये। उसके बाद जगह- जगह से लड़कों ने भी मांग शुरू की, जिसे देखते हुए लड़कों को भी साइकिल योजना का लाभ दिया जाने लगा। उन्होंने कहा कि अब तो मिडिल स्कूल में कहीं-कहीं लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है और हाई स्कूल में लड़कों के बराबर लड़कियों की संख्या हो गयी है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत की गयी, जिसके जरिये लड़की पैदा होने पर उसके माता-पिता के खाते में जन्म के समय 2 हजार रूपये, एक साल बाद आधार से जुड़ने पर एक हजार रूपये और 2 वर्ष बाद सम्पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2 हजार रुपये देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। बेटी पैदा होने पर लोगों के मन में खुशी का भाव हो, इसके लिये कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। इंटर पास करने वाली प्रत्येक अविवाहित लड़की को 10 हजार रूपये और ग्रेजुएट करने वाली हर लड़की को 25 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। जन्म से लेकर ग्रेजुएशन करने तक लड़कियों पर अन्य स्कॉलरशिप के अलावा 54,100 रुपये का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर हमने शराबबंदी लागू की। इसका सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को मिला है, जो अपनी गाढ़ी कमाई शराब में लुटा देते थे इसलिए इसके प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। हर जगह बिजली के खंभे पर टेलीफोन नम्बर लिखवाया गया है, जिसके माध्यम से आप सरकार को गड़बड़ी करने वालों की सूचना दे सकते है। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा और तीन से चार घण्टे के अंदर कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि गांव-गांव में सड़क बन गयी और सात निश्चय के तहत टोला संपर्क योजना के जरिये गांव के टोलों तक भी सड़क बनाने का काम जारी है। उन्होंने कहा कि समाज मे प्रेम, शांति एवं सद्भाव का माहौल कायम रखने का हरसंभव प्रयास कीजिए, तभी विकास कार्यों का लाभ मिलेगा। इसके लिए हमने सात निश्चय योजना की शुरुआत कर स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इंटर से आगे की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए 4 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण का प्रावधान कराया है। इस योजना के तहत 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज पर छात्रों को जबकि लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत के ब्याज पर राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त 2015 से सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर बिजली, हर घर शौचालय निर्माण, हर घर तक पक्की गली नाली जैसे अन्य जो निश्चय किए गए हैं, उनमें से फरवरी 2016 में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा चुका है। 25 अक्टूबर 2018 को ही बिहार के हर इच्छुक परिवार तक बिजली भी पहुंचा दी गई है। मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना के तहत 60 हजार रुपये जमीन खरीद के लिए दिये जा रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिन भूमिहीन लोगों का चयन हुआ है, वे अपना आवास बना सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1996 के पहले इंदिरा आवास योजना के तहत जो मकान/ सामूहिक आवास बने थे, वे जर्जर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत वैसे लोगों को 1 लाख 20 हजार रुपये घर बनाने के लिए दिये जा रहे हैं। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत शराबबंदी के बाद जो लोग इस रोजगार में लगे हुए थे, वैसे प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक रोजगार के लिए 60 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के माध्यम से बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वालों को 50 हजार रूपये जबकि संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को अंतिम परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रूपये की सहायता राषि दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को एक हजार रुपये अनुदान एवं 15 किलो अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत पांच वाहनों की खरीद के लिए प्रत्येक पंचायत में अनुदान राशि मुहैया करायी जा रही है। वर्ष 2009 से बिहार का विकास दर डबल डिजीट में है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में बिहार का विकास दर 11.3 प्रतिशत है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में दुनिया भर के लोग पढ़ने आते थे। आज इसे पुनसर््थापित करने के लिए हम एक-एक काम कर रहे हैं। पटना के बिस्कोमान भवन में नालंदा ओपेन विष्वविद्यालय जो चल रहा है, अब उसके लिए जमीन मिल गई है, जिसका 1 मार्च को शिलान्यास किया जाएगा।

जनसभा में शामिल लोगों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी अपने बच्चों को पढ़ाइये। बच्चों को पढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने जनसभा में मौजूद लोगों को हाथ उठाकर संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से मिलने वाले ऋण को 82 किश्तों में भुगतान करना है और अगर उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी रोजगार नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में उन्हें ऋण लौटाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर सवर्ण जातियों के लिए जो केंद्र ने आरक्षण का प्रावधान किया है, उसके लिए बिहार में भी कानून बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि वृद्धा पेंशन से वंचित लोगों के लिए मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना शुरू की गई है। इसके माध्यम से अब बिहार में 60 साल से ऊपर हर व्यक्ति वह चाहे स्त्री हो या पुरुष, उन्हें इस योजना का लाभ अप्रैल माह से मिलने लगेेगा। यह राषि सीधे उनके खाते में भेजी जायेगी। उन्होंने कहा कि समाज में प्रेम, शांति एवं सद्भाव का माहौल कायम रखने का हरसंभव प्रयास कीजिए, तभी विकास कार्यों का लाभ मिलेगा। न्याय के साथ विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है और हमारा कोई भी काम समाज के हर तबके एवं इलाके लिए होता है। उन्होंने कहा कि बहुत लोग समाज मे तनाव और टकराव पैदा करने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे लोगों के चक्कर में नहीं पड़ियेगा, तभी विकास का पूरा लाभ मिलेगा। समाज में शांति, प्रेम और सद्भाव का माहौल कायम रखियेगा, तभी हम बिहार के गौरवशाली अतीत को पुनः हासिल करने में कामयाब होंगे।

जनसभा को कृषि मंत्री प्रेम कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक हरिनारायण प्रसाद सिंह एवं कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक रवि ज्योति, विधान पार्षद श्रीमती रीना यादव, विधान पार्षद हीरा प्रसाद बिंद, चंडी प्रखंड प्रमुख श्रीमती निर्मला देवी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, कृषि निदेशक आदेश तितरमारे, उद्यान निदेशक नन्दकिशोर, जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक नीलेश कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, जीविका दीदियां एवं बड़ी संख्या में आमलोग उपस्थित थे।

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