बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बीच मनमुटाव बढ़ता ही जा रहा है, दोनों नेताओं के संबंधों में आ रही दरार इन दिनों सुर्ख़ियों में चल रही है। इस बीच आरसीपी सिंह ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है, बता दें कि अगले महीने सिंह का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने वाला है। हाल फ़िलहाल के घटनाक्रम को देखते हुए ऐसा लगता है कि सीएम नीतीश सिंह को दोबारा राज्यसभा भेजने के लिए इच्छुक नहीं हैं।
नीतीश के साथ जारी मनमुटाव पर आरसीपी सिंह ने तोड़ी चुप्पी
मीडिया ने आरसीपी सिंह से सीएम नीतीश के साथ जारी उनकी अनबन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरे आपके (मीडिया) और बाकी सभी के साथ अच्छे संबंध हैं। बता दें की आरसीपी सिंह की सीट उन 5 सीटों में शामिल हैं जिनपर चुनाव होने हैं, सिंह का राज्यसभा में लगातार दूसरा कार्यकाल चल रहा है। नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से बाने वाले आरसीपी सिंह कुर्मी जाति से हैं, वह साल 2010 में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हुए थे। उस वक्त उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला था, लेकिन उन्होंने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के कुछ महीने बाद ही जदयू को छोड़ दिया था।
आरसीपी के ट्विटर से गायब हुए नीतीश कुमार
बता दें कि इस पूरे विवाद के बीच आरसीपी सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल की बायो में खुद को मंत्री, राज्यसभा सांसद, आईएएस, आईआरएस के अलावा जेएनयू का पूर्व छात्र बताया है। यहां दिलचस्प बात यह है कि उनके ट्वीटर हैंडल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कहीं गायब हो गए हैं। आरसीपी सिंह ने अपने ट्विटर के बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी तस्वीर लगाई है, जिसमें ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ संदेश लिखा हुआ है। बता दें कि सिंह और जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन के बिच सबकुछ ठीक नहीं है, इस कारण आरसीपी का जदयू से राज्यसभा का एक और कार्यकाल हासिल करना बहुत ही मुश्किल काम है।