लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

नीतीश कुमार ने एक बार फिर की बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग, नीति आयोग को लिखा पत्र

नीतीश कुमार सरकार ने एकबार फिर ‘राज्य को विशेष दर्जा’ देने की मांग की है। वह यह मांग गत ‘10 से 12 साल’ से कर रही है।

बिहार राज्य देश के सबसे गरीब राज्यों में शामिल है, ऐसा नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बरसो से कर रहे मांग को एक बार फिर उठाया है। नीतीश कुमार सरकार ने एकबार फिर ‘राज्य को विशेष दर्जा’ देने की मांग की है। वह यह मांग गत ‘10 से 12 साल’ से कर रही है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार को लिखे पत्र में बिहार के योजना एवं क्रियान्वयन मंत्री बिजेंद्र यादव ने जोर देकर कहा है कि बिहार ‘‘विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने की सभी अर्हताओं को पूरा करता है।’’  
बहुआयामी गरीबी सूचकांक में देश के सबसे निचले पायदान पर होने के साथ जोड़कर देखने की मांग की
मंत्री ने नीति आयोग को इस मुद्दे को हाल में आई रिपोर्ट में बिहार के बहुआयामी गरीबी सूचकांक में देश के सबसे निचले पायदान पर होने के साथ जोड़कर देखने की मांग की। इस रिर्पोट का इस्तेमाल विपक्ष नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद ‘राज्य का तीव्र विकास’ के दावे को खारिज करने के लिए कर रहा है।  
आबादी का घनत्व अधिक है और प्राकृतिक संसाधनों की कमी है 
अपने पत्र में मंत्री ने स्वीकार किया कि बिहार प्रति व्यक्ति आय, जीवनयापन सुगमता, मानव विकास जैसे सूचकांक में राष्ट्रीय औसत से नीचे है। यादव ने इस ‘दयनीय स्थिति’ के लिए बिहार के चारों ओर से भूमि सीमा से घिरा होने को जिम्मेदार ठहराया जहां पर आबादी का घनत्व अधिक है और प्राकृतिक संसाधनों की कमी है, राज्य के आधे से अधिक जिले बाढ़ या सूखे से ग्रस्त रहते हैं।  
मंत्री ने शिकायत की कि केंद्र की सार्वजनिक उपक्रम इकाइयों की बिहार में स्थापना करने की ‘ पहल में कमी’ रही है जो राज्य में ‘‘ औद्योगिक विकास और तकनीकी शिक्षा’ को बढ़ावा दे सकती थी। उन्होंने कहा कि बिहार ‘‘हरित क्रांति के लाभ से वंचित रहा।’’ इसके साथ ही उन्होंने राज्य के उप कृषि विकास पर प्रकाश डाला। 
यादव ने दावा किया कि भौगोलिक परिस्थिति और इतिहास के बावजूद राज्य ने ‘‘गत 15 साल में तेजी से विकास गति दर्ज की’’ है और ‘‘न्याय के साथ विकास’ की उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में कृषि, ऊर्जा, सड़क और कुल मिलाकर शासन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यादव ने रेखांकित किया कि नीति आयोग ने देश में आर्थिक ‘ परिवर्तन’ का लक्ष्य रखा है और कहा कि यह बिहार को बदले बिना नहीं हो सकता है।  
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से कल्याणकारी योजनाओं के लिए देनदारी में कमी आएगी  
मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा मिलने से कल्याणकारी योजनाओं के लिए देनदारी में कमी आएगी और सरकार निजी निवेशकों को आकर्षिक करने के लिए ‘‘कर में छूट’ और ‘वित्तीय सब्सिडी’देने की स्थिति में होगी जिससे विकास का इंजन और तेजी से चलेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2000 में झारखंड को बिहार से अलग करने के बाद से ही राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग हो रही है। इस विभाजन से बिहार के खनिज भंडार वाले इलाके झारखंड में चले गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 − 10 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।