केन्द्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी तरह की बहस की आवकश्यता नहीं है और यह समाज के दलित व पिछड़े वर्गों का संवैधानिक अधिकार है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जो आरक्षण के समर्थन में हैं और जो विरोध में हैं, उनके बीच शांतिपूर्ण माहौल में चर्चा होनी चाहिए।
पासवान ने कहा कि आरक्षण पिछड़े वर्ग व ओबीसी के लिए मूल रूप से संवैधानिक अधिकार है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार बताया है कि इसमें कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘आरक्षण यह अब ऊंची जातियों के गरीबों के लिए भी उपलब्ध है इसलिए यह असंभव है कि इसे समाप्त कर दिया जाएगा।’’ पासवान ने हालांकि भागवत के बयान पर सीधे प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की और कहा कि उन्हें उनके (भागवत) बयान की विस्तृत जानकारी नहीं है।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘विपक्षी दल विवाद को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि उनके झूठ पर लोग विश्वास नहीं करेंगे।’’