रांची की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेपी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव ने एजेंसियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह ‘अंतिम फैसला’ नहीं है। पटना स्थित अपने आवास के बाहर मीडिया से बात करते हुए, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश में एक न्यायिक संरचना है, और वे विशेष सीबीआई कोर्ट के फैसले का हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विरोध करेंगे।
सीबीआई कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि सीबीआई अदालत द्वारा दिए गए फैसले को हाई कोर्ट में संशोधित किया जाएगा और फैसला लालू जी के पक्ष में आएगा।” बता दें कि राजद सुप्रीमो को 60 लाख रुपये जुर्माने के साथ 5 साल कैद की सजा सुनाई गई है। तेजस्वी ने कहा कि “सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स- जितने भी संस्थान हैं, उन्होंने एक मामले को बांट दिया है। एक ही आरोप है और उसी के संबंध में 6 अलग-अलग मामले हैं। यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। जब से भारत ने अपनी आजादी हासिल की है, ऐसा एक बार नहीं हुआ है… लेकिन फिर भी हम निर्णय का सम्मान करने के इच्छुक हैं।”
बिहार में अब तक हुए कई घोटाले उन पर कार्रवाई क्यों नहीं?
लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “अब बात करते हैं भारत में हुए दूसरे घोटालों की… भारत भी नहीं, बिहार में हुए घोटालों की बात करते हैं। क्या एक भी घोटाला नहीं हुआ? जबकि 80 से अधिक घोटाले हो चुके हैं… सीबीआई कहां है, ईडी कहां है, आईटी कहां है? क्या केवल एक राजनेता है? केवल एक घोटाला?”
तेजस्वी ने सभी जांच संस्थाओं पर उठाए सवाल
तेजस्वी ने कहा कि ये संस्थाएं नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चोकसी जैसे घोटालेबाजों को भूल जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि उन्हें देश छोड़ने की अनुमति कैसे दी गई, जबकि जिन्होंने कुछ नहीं किया था, उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर था और उन्हें अपने हनीमून के लिए विदेश यात्रा करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को पांचवे और अंतिम चारा मामले में लालू प्रसाद यादव और 75 अन्य को दोषी ठहराया।
जानें क्या है चारा घोटाला मामला
चारा घोटाला 1980 और 1990 के दशक में अविभाजित बिहार के कई कोषागारों से लगभग 950 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने घोटाले के सिलसिले में कुल 170 चार्जशीट दाखिल की थी। लालू के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक केएम प्रसाद मुख्य आरोपी थे।