पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नरेंद्र भाई मोदी ने 26 मई 2014 को जब गोधूलि बेला में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी,तब लालू प्रसाद ने अशुभ घड़ी में सत्ता सम्भालने की बात कह कर मध्यावधि चुनाव की आशंका जतायी थी और कहा था कि मोदी सरकार पांच साल नहीं चलेगी। इसके विपरीत प्रधानमंत्री ने गरीबों, पिछड़ों-अतिपिछडों,युवाओं और महिलाओं के लिए काम करते हुए न केवल उपलब्धियों से भरा कार्यकाल पूरा कियाए बल्कि शानदार वापसी की। जिनको अपनी नीति-नीयत और जनता पर भरोसा होता हैए उनके लिए हर घड़ी शुभ होती है।
श्री मोदी ने कहा कि हर काम के बदले लोगों की जमीन लिखवाने वाले लालू प्रसाद की न कभी नीयत ठीक रही, न जनता पर उनका भरोसा रहा, इसलिए वे जात-पात,अपराधीकरण और तंत्र-मंत्र के जरिये सत्ता में बने रहने की कोशिश करते रहे। उन्होंने एक तांत्रिक को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया, लेकिन कोई तंत्र उनके महागठबंधन की सरकार को गिरने से नहीं बचा सका। गरीबों का हक मार कर बेनामी सम्पत्ति बनाने वालों को कोई नहीं बचा सकता।
श्री मोदी ने कहा कि पिछड़े-गरीब परिवार के नरेंद्र भाई के प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देने के बजाय लालू प्रसाद उनकी सरकार गिरने की भविष्यवाणी कर रहे थे और बाद में नोटबंदी को मुद्दा बनाकर सत्ताविरोधी माहौल बनाने के लिए कभी ममता बनर्जी से पटना में धरना दिलवा रहे थेए तो कभी मायवती को राज्यसभा की सीट ऑफर कर रहे थे। जनता ने नोटबंदी-विरोध के सभी खलनायकों को धूल चटा दी। लालू प्रसाद अपनी पुत्री को भी नहीं जिता पाये। उन्हें लालटेन युग के अंधविश्वास से बाहर आकर गरीब सवर्णों के रिजर्वेशन का विरोध करने जैसे गुनाहों के लिए बिहार की 12 करोड़ जनता से माफी मांगनी चाहिए।