चुनाव आयोग के कड़े तेवर और सुरक्षा बलों की चौकस निगाह की जद में बिहार में दूसरे चरण के लिए 5 सीटों पर आज संपन्न हुये मतदान के दौरान, ‘अरे लूट लेलकै’ का शोर कहीं भी सुनने को नहीं मिला।
बिहार की 40 में से पांच किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बांका और भागलपुर लोकसभा सीटों के लिए आज वोट डाले गए। नेपाल की सीमा से लगे सीमांचल के किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया तथा दियारा से घिरे भागलपुर एवं बांका संसदीय क्षेत्र के कुछ इलाके में पहले मतदान में बाहुबलियों के बूथ लूटने के दौरान, ‘अरे लूट लेलकै’ का शोर आम बात थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। चुनाव आयोग के कड़ी तेवर और सुरक्षा बलों की चौकसी ने ऐसे शरारती तत्वों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।
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मतदान को लेकर सुरक्षा के किए गए अभूतपूर्व प्रबंध को देखते हुए गड़बड़ करने वाले ऐसी वारदातों से खुद को दूर रखना ही उचित समझा। सभी मतदान केंद्रों पर अत्याधुनिक हथियार बंद जवानों की तैनाती के साथ ही चार स्तर पर सुरक्षा का पुख्ता घेराबंदी की गई थी।
उग्रवाद प्रभावित बांका के 170 तथा भागलपुर के 16 मतदान केंद्रों पर जहां सुबह सात बजे से शाम के चार बजे तक वोट डाले गए। वहां पूरी तरह से शांति बनी रही। इसी तरह एहतियात के तौर पर राज्य से लगे नेपाल की 715 किलोमीटर की सीमा को कल से ही सील कर दिया गया था ताकि शरारती तत्व सीमा पार से न आ सके और न जा सके।
उल्लेखनीय है कि बिहार में पहली बार सात चरणों में चुनाव कराया जा रहा है। दूसरे चरण में जहां आज किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ और 62.52 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं, पहले चरण में 11 अप्रैल 2019 को उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित औरंगाबाद, गया (सुरक्षित), नवादा और जमुई (सुरक्षित) सीट पर शांतिपूर्ण मतदान कराया गया था।