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संसदीय लोकतंत्र से महत्वपूर्ण कुछ नहीं : नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसदीय लोकतंत्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि नयी पीढ़ को इसकी जानकारी देना बहुत जरूरी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसदीय लोकतंत्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि नयी पीढ़ को इसकी जानकारी देना बहुत जरूरी है।

नीतीश कुमार ने यहां सात करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से निर्मित जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि संसदीय लोकतंत्र से महत्वपूर्ण और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ को इसकी जानकारी देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बोध का काफी प्रभाव है लेकिन लोगों के पास तथ्य भी होने चाहिए।

मुख्यमंत्री ने संस्थान के निदेशक श्री श्रीकांत को सुझाव देते हुए कहा कि आजादी के बाद जो भी बिहार में काम हुये हैं, घटनाएं घटित हुई हैं, स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के लोगों की जो भूमिका रही है, 1974 के जेपी आंदोलन, 1917 के चंपारण सत्याग्रह, जननायक कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण जैसे अन्य महत्वपूर्ण मामलों का डॉक्यूमेंटेशन होना चाहिए ताकि बिहार विधानमंडल के सदस्य उसे पढ़कर जानकारी हासिल कर सकें।

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उन्होंने कहा कि आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक या अन्य आधार पर जो सर्वे होते हैं और उसके जो नतीजे आते हैं, उसे संकलित कर बिहार विधानमंडल के सदस्यों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम होना चाहिए।

श्री कुमार ने कहा कि समाज सुधार की दिशा में शराबबंदी पर भी संस्थान द्वारा सर्वे किया गया है। विकास के जो काम हुये हैं या हो रहे हैं, उसका जमीन पर क्या असर है, लोगों की राय लेकर इसका सर्वे स्वतंत्र संस्था द्वारा किया जाता है, इससे कमियां उजागर होती हैं और फिर सुधार की दिशा में सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि जरूरत के मुताबिक संस्थान में नये पद सृजित किये जायें। निदेशक के साथ एक टीम होनी चाहिए। टीम में वैसे लोगों को शामिल करना चाहिए, जिनकी योज्ञता और अनुभव के साथ-साथ शोध, अनुसंधान, शैक्षणिक एवं सामाजिक क्षेत्र में प्रदर्शन ठीक रहा हो। साथ ही टीम में नई पीढ़ के लोगों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के साथ परामर्श कर एक टीम तैयार करें।

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