बिहार में तेज प्रताप यादव ने अपने आवास पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बुलाया। उनके नहीं आने पर तेज प्रताप अपने सरकारी आवास पर ही धरने पर बैठ गए और करीब डेढ़ घंटे तक वही धरने पर बैठे रहे। वह अपने पिता से कम से कम दो मिनट तक के लिए मिलने और आशीर्वाद देने की मांग कर रहे थे। बाद में लालू यादव राजी हो गए और अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ उनसे मिलने के लिए आए। लालू प्रसाद के घर पहुंचने के बाद तेज प्रताप ने उनके पैर धोए और अपने पिता का आशीर्वाद लिया। लालू प्रसाद वहां करीब 10 मिनट रुके और राबड़ी देवी के घर वापस लौट गए।
मुझे पिता से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी
तेज प्रताप के यह ड्रामा राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड आवास के गेट पर सारा ड्रामा शुरू हुआ। लालू प्रसाद का काफिला 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास में गया था। तेजप्रताप यादव जब आवास में प्रवास करने की कोशिश कर रहे थे तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। वह तुरंत मीडियाकर्मियों के पास गए और आरोप लगाया कि जगदानंद सिंह, सुनील सिंह, संजय यादव जैसे नेताओं ने उन्हें आवास में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि उनके पास आरएसएस की विचारधारा है और पहले भी वो लालू प्रसाद को बंदी बनाने के लिए जिम्मेदार रहे हैं। इसके बाद वह सीधे अपने सरकारी आवास पर गए और लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के आने तक धरने पर बैठे रहे फिर थोड़ी देर बाद लालू प्रसाद उनसे मिलने के लिए गए तेज प्रताप ने कहा तेज प्रताप ने कहा मैंने लालू प्रसाद के उनके आवास पर आने के बाद आधी लड़ाई जीत ली है और यह उन लोगों के लिए एक जोरदार थप्पड़ है जिन्होंने दिल्ली में लालू प्रसाद को बंदी बनाया था। मैं राजद से तब तक दूर रहूंगा जब तक जगदानंद सिंह जैसे नेता पार्टी से बाहर नहीं निकलेंगे।