महाराष्ट्र में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) से अलग सरकार बनाने के ऐलान के साथ ही शिवसेना ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया है। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिवसेना के एनडीए छोड़ने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो जाने भाई इसमें हमको क्या मतलब है?उधर, महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बनाएगी यह अब साफ हो गया है।
ऐसे में अब सभी की निगाहें शिवसेना-कांग्रेस और राकांपा की तरफ हैं। राउत ने सामने आए घटनाक्रम में अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत देते हुए कहा, “हमने पहला कदम उठाया है और अब हर पक्ष के लिए स्वीकृत न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर सरकार बनाने के लिए उचित कदम उठाना उन पर निर्भर है।”
इसी बीच वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “हमारे पास कोई जनादेश नहीं हैं। जिनके पास जनादेश है, उन्हें बनाना चाहिए। हमारा रुख कई बार स्पष्ट हो चुका है। सरकार का गठन कोई आसान काम नहीं है, और कई मुद्दे तस्वीर में उभरते हैं। हमारा अब भी किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ है।
शिवसेना और भाजपा की दोस्ती 30 साल पुरानी थी। माना जा रहा है कि एनसीपी ने महाराष्ट्र में साथ सरकार बनाने के लिए शिवसेना के सामने शर्त रखी थी कि उसे पहले एनडीए से नाता तोड़ना होगा। हालांकि महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के भी समर्थन जरूरत पड़ेगी।