पटना : किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रहीश यादव की अध्यक्षता में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने प्रखंड कार्यालय परिसर में बिहटा मनेर क्षेत्र को सुखाग्रस्त घोषित करने समेत 11 सूत्री मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरना में किसानों ने सरकार को एक सप्ताह के अन्दर समस्याओं का निराकरण नहीं करने पर प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी एवं अपनी अपनी अधिग्रहित भूमि पर हल चलाने की चेतावनी देकर कहा कि बिहार में खरीफ फसल के समय अपेक्षा के अनुरूप कम वर्षा हुई।
राज्य सरकार ने बिहटा एवं मनेर क्षेत्र के किसानों के साथ सौतेलापन का व्यवहार कर सुखाग्रस्त घोषित करने से दूर रखा, जबकि राज्य के 267 प्रखंडों को सुखाग्रस्त घोषित किया। मनेर रजवाहा सोन नहर से पानी नहीं मिलने के कारण फसल सुखे की चपेट में आ गया। अधिकांश सरकारी नलकूप बंद पड़े हैं।
भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों ने कहा कि वर्ष 2015 में न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि यदि भू -अर्जन पुराने कानून 1894 के तहत किया गया है लेकिन जिसका 31 दिसम्बर, 2013 तक पूर्ण रूप से भुगतान करके एवार्ड नहीं घोषित की गयी है तो उन भू- लाभार्थियों को 1 जनवरी 2014- कर ऑफ डेट के तहत रेट निर्धारित कर भुगतान किया जाये। परंतु राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश की उल्लंधन कर रही है। राज्य सरकार द्वारा लाये गये अध्यादेश में कहा गया है कि किसानों को नये दर से राशि का भुगतान करने पर वित्तीय संकट आयेगी।
अध्यक्ष रहीश यादव ने किसानों के 11 सूत्री मांगों के मांग पत्र अंचलाधिकारी बिहटा को सौंपा। जिसमें दोनों प्रखंड बिहटा एवं मनेर को सुखाग्रस्त घोषित करने, किसान प्रभावित प्रत्येक परिवार के सदस्य को नोकरी, सिकन्दरपुर मौजा के पश्चिम छोर पर आहर पाईन की छोर घेराबंदी करने, आवासी अधिग्रहित भूमि से प्रभावित किसानों को नियमानुसार पांच डिसमिल जमीन देने आदि मांग समस्याओं की मांग की है।
धरना में कई दलों के किसान नेताओं समेत मौदही सिकन्दरपुर के किसानों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जवाहर निराला, डा. उदय प्रताप सिंह यादव, श्याम किशोर शर्मा, ओमप्रकाश सिंह, गोपाल सिंह, वकील यादव, रमेश चन्द्र राय, प्रो. के. के. सिंह, रामाशीष यादव, नन्हे यादव, दयानंद यादव, मदन मस्तान, बबलू यादव, वीर दयाल प्रसाद, सकलदेव राय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।