यह देश में 17-18 साल तक प्रभावी था। यह एक बार प्रभाव में था। दूसरी बात, भारत जैसे बड़े देश में, हर साल लगभग 25 प्रतिशत लोग मतदान करते हैं। इसलिए, सरकार चलाने वाले लोग चुनाव के इस चक्र में व्यस्त रहते हैं। अगर इसे 1-2 बार तक सीमित रखा जाए, तो यह बेहतर होगा। इससे खर्चों में कमी आएगी और लोगों को केवल एक बार ही निर्णय लेना होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार रातोंरात बदलाव की कोशिश करेगी तो दिक्कतें होंगी।