समस्तीपुर : उपलब्धियां हमेशा हमें एक जिम्मेदारी देती हैए जिसकी मदद से हम जीवन में और अधिक ऊॅंचाईयों को छू पाते हैं, अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर पाते हैं। यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयए पूसा के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने उपाधि एवं स्वर्ण पदक ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विशिष्ठ पल हमेशा आपको अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए गौरवान्वित करता रहेगा। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार के प्रयासों से डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय को वर्ष 2016 में केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के बाद यहां पांच नई थीम पर कार्य शुरू हो चुका है।
देश में कृषि के विकास हेतु कृषि मंत्रालय द्वारा लक्षित इन थीम में हर खेत को पानीए दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाना, मृदा स्वास्थ्य, किसानों की आमदनी दोगुनी करना एवं प्रति बूंद ज्यादा उत्पादन को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया की इसके सकारात्मक परिणाम दो वर्षों में दिखने लगे हैं। जिसके अंतर्गत सौर ऊर्जा एवं एकल फेज पम्प द्वारा सिंचाई के साधनए दलहनी फसलों के बीज उत्पादन छ: चलन्त मृदा परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा किसानों के खेत में ही मृदा परीक्षण, किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण, मशरूम उत्पादन, मधु उत्पादन, पोस्ट हारवेस्ट नुकसान को कम करना इत्यादि पर शोध तथा कुशल सिंचाई प्रणाली पर कार्य प्रमुख है।
श्री सिंह ने बताया कि मोदी सरकार ने इस विश्वविद्यालय को सुदृढ़ीकरण हेतु काफी सहयोग दिया है। उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय, भू्रण हस्तांतरण और स्वदेशी नस्ल पर उत्कृष्टता केंद्र,मधुमक्खी पालन पर कार्य के लिए एक नया केन्द्र, गुड़ उत्पादन के लिए आधुनिक प्रसंस्करण केन्द्र आदि इस दिशा में प्रमुख कदम है। इसके साथ ही सरकार ने इस विश्वविद्यालय के अन्तर्गत पशु चिकित्सा महाविद्यालय और कृषि महाविद्यालय खोलने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है, जिनकी स्थापना का कार्य राज्य सरकार से भूमि प्राप्त होते ही प्रारम्भ कर दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त बेतिया में साहीवाल नस्ल हेतु एक केन्द्र, राष्ट्रीय सहकारिता विकास कॉर्पोरेशन के सहयोग से एक प्रशिक्षण केन्द्र तथा राष्ट्रीय बीज निगम द्वारा बीज संग्रहण एवं बिक्री केन्द्र, सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में पिंजरे संस्कृति द्वारा मछली उत्पादन भी प्रस्तावित है।
कृषि मंत्री ने बताया कि खेती के चहुंमुखी विकास हेतु प्रयोगशाला से खेत तक, कार्यक्रम में तेजी लाने हेतु प्रधानमंत्री जी ने चार नई परियोजनाओं का शुभारम्भ किया है। किसानों का वैज्ञानिकों से सम्पर्क बढ़ाने, तकनीकी आकलन, प्रत्यक्षण, प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास के लिए केन्द्र सरकार ने फार्मर्स फस्र्ट परियोजना की शुरूआत की है। ग्रामीण युवाओं में उद्यमिता विकास हेतु क्षमता विकास की महत्ता को समझते हुए स्टुडेंट रेडी कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। कृषि में युवाओं को जोड़ऩे एवं उनके पलायन को रोकने हेतु कृषि रोजगार के नये अवसरों के सृजन हेतु आर्या कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है।
उन्होंने बताया कि मेरा गांव – मेरा गौरव योजना के अन्तर्गत वैज्ञानिक खेती की विस्तृत जानकारी को ग्रामीण कृषक बंधुओं तक प्रसार हेतु देश के कृषि विश्वविद्यालयों एवं आईसीएआर के सभी संस्थानों के प्रत्येक कृषि विशेषज्ञों को एक गांव अपनाने की जिम्मेदारी दी गयी है।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबोधन के अंत में केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मेरी यही शुभकामना है कि यह विश्वविद्यालयों जल्द ही देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों में गिना जाये। यहां से विकसित तकनीकें तथा बीज बिहार और देश के किसानों के लिए खुशी के दिन लाए, उनकी आमदनी दुगनी हो क्योंकि जब किसान खुशहाल होगा तभी देश खुशहाल होगा।