जन अधिकार पार्टी के मुखिया व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने दावा किया है कि अगर बिहार में सत्ता मिलती है तो बिहार राज्य को भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में नंबर-1 राज्य बनाके दिखाएंगे नहीं तो इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कांग्रेस को बड़ी पार्टी बताया और ये कहते हुए शर्त रख दी कि अगर कांग्रेस पार्टी महागठबंधन कि मुख्य भूमिका निभाती है तो हम उनका पूर्ण रूप से सहयोग करेंगे लेकिन दलित नेतृत्व देना होगा।
पप्पू यादव ने नितीश कुमार पर निशाना साधते हुए दलित राजनीती को खत्म करने कि साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने ये भी कहा कि जेडीयू ने जीतन राम मांझी को झांसे में लेकर दलित समुदाय पर वार करने कि रणनीति बनाई। उन्होंने कहा, “मैं जीतन राम मांझी को समझाऊंगा कि नितीश कुमार या जेडीयू के बहकावे में ना आये।” बता दें कि जीतन राम मांझी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष हैं।
पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस को भारत को गुलामी से बचाने के लिए आगे आना चाहिए। कांग्रेस अगर महागठबंधन की अगुवाई करता है तो बिना शर्त वो समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन नेतृत्व की कमान किसी अतिपिछड़ा या फिर दलित समुदाय के नेता को ही मिलनी चाहिए. इस बात का सिर्फ आश्वासन ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, महागठबंधन में आपसी फूट पड़ती जा रही है। महागठबंधन के बड़े नेताओं रघुवंश प्रसाद सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा, शरद यादव, मुकेश साहनी की उपेक्षा हो रही है । बिहार की जनता जानना चाहती है कि आखिर वो कौनसी पार्टियां हैं जो महागठबंधन को तोड़ने कि कोशिश कर रही हैं। इस तरह से पप्पू यादव ने सीधे तौर पर आरजेडी पर निशाना साधा है।
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव और उनके उम्मीदवार बिहार विधानसभा में अपनी किस्मत आजमाएंगे। पप्पू यादव ने बिहार की 94 विधानसभा सीटों की लिस्ट जारी की, जिस पर उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। इसमें सीमांचल से लेकर भोजपुर और मिथलांचल तक की सीटें शामिल हैं. पप्पू यादव ने सूबे की 60 विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी की आईटी सेल को स्थापित कर दिया है। प्रदेश की सभी सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का उन्होंने एलान किया है । .
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव बिहार के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के महज तीन साल के अंदर बिहार को विकास के मामले में ऐसी जगह ले जाना है, जिसे देश में ही नहीं बल्कि एशिया में नंबर वन बनाने का मकसद है वो कहते हैं कि अगर बिहार को विकास के इस मुकाम पर नहीं ले जाते हैं तो इस्तीफा दे देंग।