पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उत्तरी मंदिरी स्थित आवास पर बुधवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। मीडिया से बातचीत के दौरान जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने को लेकर सरकार से सवाल किया और कहा कि कंपनी जब ब्लैक लिस्टेड थी 8 राज्यों में, तब इस कंपनी को फिर किन कारणों से टेंडर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस पुल का टेंडर 600 करोड़ से शुरु हुआ और टेंडर 2700 करोड़ रुपये पहुंच गया। इनमें किन-किन अधिकारियों और मंत्रियों की मिलीभगत है, सरकार बताये।पप्पू यादव ने कहा कि एक विधायक 6 साल के बाद एक IAS का नाम ले रहे हैं, जो कि वे लंबे से पुल निगम के सचिव रहे हैं, उसी को जांच का जिम्मा क्यों दिया गया, क्या दूध की रखवाली बिल्ली करेगी। 14 महीने में निर्माणधीन पुल दो बार टूट गया। उन्होंने कहा कि मेरा सवाल पहले देश के पीएम से है, सूप बाजे तो बाजे चलनिया भी बाजे, हमाम में सब नंगे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी से जानना चाहूंगा कि ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद केंद्र सरकार ने गुजरात में सिग्नेचर पुल बनाने का काम इस कंपनी को किया दिया, जो पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। साथ ही इस भागलपुर में भी केंद्र सरकार इस कंपनी को काम क्यों दिया। मेरा ये सवाल है कि ब्लैक लिस्टेड होने के बावजूद इस कंपनी को NHAI से अवार्ड क्यों दिया गया। पप्पू यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार का इस्तीफे का कोई सवाल नहीं है। अगर नीतीश कुमार का इस्तीफा होगा तो फिर NHAI के अधिकारियों का भी इस्तीफा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 17 सालों से इस विभाग में बीजेपी का मंत्री था। नंदकिशोर यादव से लेकर नितिन नवीन तक रहे। इस दौरान जांच क्यों नहीं हुई। आखिर कौन IAS है, जिसे बचाया जा रहा है। मीडिया के खबर का हवाला देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि, किस IAS के खाते में विदेश में 100 करोड़ रुपये मिले हैं।
वहीं, पप्पू यादव ने इस पूरे मामले पर महागठबंधन सरकार का बचाव करते हुए कहा कि, इस सरकार के 9 महीने हुए हैं, इस मामले में इस सरकार की कोई भूमिका नहीं है। अगर बीजेपी में हिम्मत है तो कंपनी की जांच सीबीआई और स्वतंत्र कोर्ट से जांच करायें। क्या कारण है कि अभी तक बीजेपी नेताओं ने कंपनी का नाम तक क्यों नहीं लिया। कंपनी के चलते 12 आदमी वहां मरे हैं। मेरा अलावा कोई भी पदाधिकारी और बीजेपी का नेता वहां क्यों नहीं गया। मैंने मौके पर जाकर कई लोगों की आर्थिक मदद की। इस मामले की स्वतंत्र जांच एजेंसी और निगरानी से जांच की मांग बिहार सरकार से करता हूं। पप्पू यादव पुल गिरने के मामले में 1700 करोड़ रुपये कंपनी से वसूलना चाहिए। पूरे बिहार जानता है कि कौन है ये पदाधिकारी, जिसे 100-100 करोड़ रुपये दिये गये। पुल निगम भ्रष्टाचार का अड्डा है।
वहीं, पप्पू यादव ने कहा कि वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे, पुल गिरने की मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाये, मेरी मांग है कि कंपनी पर 302 को मुकदमा हो, पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाये, कंपनी ने किस-किस कंपनी को पैसा दिया उसकी जांच की जाये। वहीं, पप्पू यादव ओडिशा हादसे को लेकर बाबा बागेश्वर की बयान पर उन्होंने जमकर हमला बोला है जिसमें बाबा बागेश्वर ने कहा कि था उन्हें ट्रेन हादसा का अंदेशा पहले से था। पप्पू यादव ने कहा कि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर 302 की हत्या की मुकदमा होना चाहिए ।