बिहार की राजधानी पटना में ओपन मेनहोल में 10साल के मासूम दीपक को गिरे एक दिन से ज्यादा हो गया है। हालांकि अभी तक दीपक का सुराग नहीं मिल सका है। पटना में जिला प्रशासन और पूरी रेस्क्यू टीम 24 घण्टे से ज्यादा वक्त से लगातार लगी है लेकिन अभी तक उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली। इस कोशिश में दो जगहों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
एक टीम पटना के एसकेपुरी इलाके में दीपक को ढूंढ रही है तो दूसरी टीम शहर के बीचोंबीच आनन्दपुरी इलाके में बड़े नाले में जाल लगा कर बैठी है ताकि पानी के तेज बहाव में दीपक को किसी भी तरह से बरामद किया जा सके। बच्चे के रेस्क्यू के लिए दमकल से भी मेनहोल में पानी का प्रेशर दिया गया है साथ ही, सुपर सकर मशीन से पूरी रात सर्च ऑपरेशन किया गया लेकिन बच्चे का सुराग नहीं मिल सका है।
जिस मेनहोल में दीपक गिरा है उसका निर्माण 1969 में हुआ था और 49 सालों में संप हाउस मेन होल की सफाई नहीं हुई है। दरअसल राज्य जल पर्षद और नगर निगम के बीच नाला सफाई को लेकर विवाद रहा है। राज्य जल पर्षद का दावा है कि बड़ा नाला बनाना हमारा काम है लेकिन उड़ाही नगर निगम की जिम्मेदारी है। वहीं, नगर निगम का दावा है कि जिसने नाला बनाया है वही उड़ाही भी करेगा।
साथ ही आपको बता दें कि नाला उड़ाही के लिए गुजरात से सुपर सकर और डी-सिल्टिंग मशीन मंगवाई जा रही है और यह मशीन पिछले दो सालों से बिहार आ रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मशीन के किराए में लगभग डेढ़ करोड़ रूपए नगर निगम खर्च कर चुका है। जितने की मशीन आती है उतना नगर निगम किराया दे चुका है।
मुजफ्फरपुर नगर निगम और बिहारशऱीफ नगर निगम के पास अपनी है मशीन लेकिन पटना नगर निगम के पास अभी तक डिसिल्टिंग मशीन नहीं है। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि इन विवादों और लापरवाही की कीमत आम लोगों को चुकाना पड़ रहा है। 24 घंटे से अधिक बीत चुके हैं लेकिन अब तक 10 साल के बच्चे दीपक का कुछ भी पता नहीं चल सका है।