जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की गाड़ी पर पथराव करने का मामला सामने आया है। घटना पटना यूनिवर्सिटी में वाईस चांसलर के आवास के बाहर हुई। हालांकि पथराव में वे बाल-बाल बच गए लेकिन उनकी गाड़ी का शीशा चकनाचूर हो गया। पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) में 5 दिसंबर को छात्रसंघ चुनाव होना है।
3 दिसंबर की शाम को 5 बजे के बाद छात्रसंघ का चुनाव प्रचार समाप्त हो गया था। इसके बाद जेडीयू के नेता प्रशांत किशोर पटना यूनिवर्सिटी पहुंचे और वीसी से मुलाकात की थी। बाद में वीसी आवास के बाहर से छात्रों को जबरन हटाया गया और किसी तरह पुलिस की सुरक्षा में प्रशांत किशोर को बाहर निकाला गया और उनके ड्राइवर ने तेजी से उनकी गाड़ी को वहां से निकाला।
प्रशांत किशोर जब वीसी रासबिहारी सिंह के साथ बैठक कर रहे थे तब चीफ इलेक्शन ऑफिसर के सलाहकार प्रोफेसर रामशंकर आर्य भी बैठक में मौजूद थे। बताया जा रहा है किप्र शांत किशोर कुलपति के दफ्तर से बाहर निकले थे तभी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया। एबीवीपी का आरोप है कि प्रशांत किशोर छात्रसंघ चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
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इस घटना के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके एबीवीपी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘एबीवीपी गुंडे और असामाजिक तत्वों से कुछ अच्छा करने की जरूरत है, जो कि आजकल बिहार में आपका चेहरा बन गए हैं। पटना यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट मेरी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी।’
The news about my injury is false. I’m fine, thanks for the concern. @ABVPVoice u need to do better than let few hooligans & antisocial elements become your face in Bihar. पटना यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट मेरी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 3, 2018
इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा है, ‘मेरे जख्मी होने की खबर सही नहीं है। मैं ठीक हूं, मेरी चिंता करने के लिए शुक्रिया। ‘जहां एक ओर यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रशांत किशोर को लेकर ड्रामा चल रहा था, वहीं बीजेपी विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर चुनाव में धांधली की शिकायत कर रहा था।
बता दें कि 5 दिसंबर को पीयू के छात्र संघ का चुनाव होना है। वीसी से उनकी यह मुलाकात तीन घंटे तक हुई है। छात्र संघ चुनाव को देखते हुए वहां मौजूद कई छात्रों का आरोप है कि प्रशांत किशोर वीसी पर दबाव बनाने के लिए वहां पहुंचे थे। ताकि छात्र जदयू के उम्मीदवारों को चुनाव में मदद दिला सकें। हालांकि इस बवाल के बाद 10 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
विश्वविद्यालय के छात्रों ने वीसी आवास पर सीएम नीतीश और पीके के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नाराज छात्र पीके गो बैक के नारे लगाते रहे। छात्र संगठनों ने 2 घंटे तक वीसी आवास का घेराव किया। प्रशांत किशोर ने इस मामले में सफाई दी है।