पटना,बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि विश्वसनीयता खो चुके नीतीश कुमार को विपक्षी नेता भाव नहीं दे रहे हैं। वही, सरकार की बेरुखी व लापरवाही से जातीय सर्वे अब अधर में लटक गया है। बिहार में जाति आधारित सर्वे (गणना) पर जल्द सुनवाई करने को लेकर सरकार द्वारा विगत गुरुवार, 04 मई को जो याचिका डाली गई थी उसपर आज मंगलवार को सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है। वही विपक्षी एकता की मुहिम में लगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बयान के बाद भी निराशा हाथ लगी है। प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने बताया कि उस दौरान किसी तरह के गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई है। वहीं पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसके जरिए नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट से जाति आधारित गणना पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। मालूम हो कि राज्य सरकार के तरफ से दाखिल किए गए इंट्रोलोकेट्री एप्लीकेशन (आईए) पर कोर्ट ने 9 मई को सुनवाई की तारीख तय की थी। मगर आज कोर्ट ने सरकार की मांग को खारिज करते हुए अब 3 जुलाई को ही इस मामले में सुनवाई का आदेश दिया है। इस तरह से सरकार की लापरवाही व गलतबयानी की वजह से जातीय सर्वे का काम अधर में लटक गया है। प्रसाद ने कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री संजय झा भी नीतीश कुमार के साथ थे। विपक्षी एकता की मुहिम को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इससे पहले दिल्ली जाकर वहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी और मलिकार्जुन खड़गे से मिले थे। उसके बाद वे पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से तथा लखनऊ में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से से भी मिले थे।दरअसल बिहार में पिछले साल जनादेश से विश्वासघात कर अपनी कुर्सी बचाने वाले नीतीश कुमार पर अब कोई विश्वास करने के लिए तैयार नहीं है। आज ओडिशा में नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की ख्याली मुहिम की हवा निकल गई। नीतीश कुमार का पीएम बनने का हसीन सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है।