बिहार (Bihar) में जहरीली शराब पीने से अबतक 58 लोगों की जान जा चुकी हैं। बीते दिनों सारण जिले में 53 लोगों की नकली शराब पीने से मृत्यु हो गई थी। वहीं आज सीवान के भगवानपुर में 5 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। इस घटना के बाद से ही बिहार सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर हैं। मुख्यमंत्री नितीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने विधानसभा में फिर दोहराया कि जो शराब पिएगा वह तो मरेगा ही। साथ ही मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने से इनकार करते हुए कहा कि शराब पीकर मरने वालों के प्रति दया नहीं रखनी चाहिए कर दिया हैं।
2016 में शराब की बिक्री व सेवन पर लगा था बैन
विपक्ष महागठबंधन सरकार पर हमलावर है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बिहार सरकार अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए भाजपा शासित राज्यों में जहरीली शराब के कारण होने वाली मृत्यु हो याद दिला रही है। नितीश सरकार के पुरजोर प्रयास के बावजूद राज्य में नकली शराब का व्यापार अपने चरम पर है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने 2016 में राज्य में शराब की बिक्री व सेवन पर बैन लगा दिया था। उस समय मुख्यमंत्री के इस कदम की काफी प्रशंसा हो रही थी। लेकिन शराबबंदी के बाद से ही राज्य में नकली शराब के व्यापार ने अपनी जड़े और मजबूत कर ली। पुलिस-प्रशासन के तमाम प्रयास भी इस अवैध व्यापार को उखाड़ने में विफल रहे। वहीं भाजपा मौत के सही आंकड़े न बताने को लेकर भी बिहार सरकार पर निशाना साध रही है।