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अभी पार्टी नहीं बनाएंगे प्रशांत किशोर, बिहार में करेंगे 3 हजार KM की पदयात्रा

प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं। इसके साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिहार के लिए आगे के प्लान के बारे में बताया।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने अगले कदम को लेकर बने सस्पेंस को खत्म कर दिया है। उन्होंने किसी भी तरह की पार्टी के गठन को नकार दिया है। प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि वह फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बना रहे हैं। इसके साथ ही पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बिहार के लिए आगे के प्लान के बारे में बताया।
लालू के 30 साल और नीतीश राज के बाद बिहार पिछड़ा राज्य
प्रशांत किशोर ने गुरुवार को कहा कि बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।
चंपारण से शुरु होगी PK की पद यात्रा
किशोर ने कहा कि आने वाले तीन-चार महीनों में वह 17,000 लोगों से जुड़ने जा रहे हैं जिनकी पहचान की गई है और इससे राज्य की बेहतरी में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह बिहार में 2 अक्टूबर से 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करेंगे। जो पश्चिमी चंपारण से शुरु होगी। पीके ने कहा, ”मैं व्यक्तिगत रूप से इनसे मिलने वाला हूं और जन सुराज की सोच है आगे उसे बिहार में उसे उतारने के लिए जो करने की जरूरत है, उनसे बात करने वाला हूं।” 
बिहार के विकास के लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत
चुनावी रणनीतिकार ने कहा, ”आने वाले 10-15 साल और इनमें यदि बिहार को अग्रणी की श्रेणी में आना है तो जिन रास्तों पर बिहार चल रहा है उससे नहीं पहुंच सकते हैं। इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता है कि यह सोच और नई प्रयास की क्षमता किसी एक व्यक्ति के पास है। बिहार के लोग जब तक मिलकर इस सोच के पीछे ताकत नहीं लगाएंगे तब तक बिहार की दशा और दुर्दशा ठीक नहीं हो सकती है।”
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार के लोगों तक पहुंचेंगे। लोगों को जन सुराज की परिकल्पना को बताना है, उनसे विचार लेना है। भविष्य के प्रति उनकी आकांक्षा को समझना है। जब तक बिहार के सभी गांव, मोहल्ले शहर तक ना पहुंच जाया जाए। 8 महीने से एक साल के भीतर यह यात्रा करूंगा। हर उन व्यक्ति से मिलूंगा, जो मिलना चाहेंगे। उनको जन सुराज की परिकल्पना से जोड़ा जाएगा।”

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