पटना : कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे बताएं कि कोरोना टेस्ट हुए ही नहीं और मनगढ़त टेस्टिंग रिपोर्ट दिखाकर अरबों रुपयों का भारी बंदरबाट किन-किन नेताओं और अधिकारियों के आदेश पर हुई, राज्य की जनता जानना चाहती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी राज्य के हर जिलो में बड़े पैमाने पर जांच में गलती (फर्जीवाड़ा)हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत गड़बड़ी करने वाले जिम्मेवार अधिकारियों को बचाने और घोटाले को दबाने या रफा दफा करने में लगे है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी आप में तनिक भी इमानदारी और नैतिक जवाबदेही है तो स्वास्थ्य विभाग में आपके शासनकाल में हुए बगैर टेस्ट कोरोना जांच रिपोर्ट में फर्जीवारे कर अरबों रुपए की लूट व स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की जांच सीबीआई या न्यायिक जांच कराने एवं स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्ति, दवा घोटाले एवं सैनिटाइजर व मस्क खरीद में हुई गड़बड़ी की भी जांच कराई जाए, क्योंकि अवैध रूप से नियुक्त कर्मचारियों को देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हटाने का आदेश स्वास्थ विभाग को दिया गया था, लेकिन अब तक स्वस्थ विभाग के आला अधिकारियों एवम बिहार राज्य के सभी जिलों के सिबिल सर्जनों ने भी न्यायलय के आदेश को भी ठंडे बस्ते में रखकर रद्दी कि टोकरी में डाल दिया।
यह भी जांच का विषय है।अबतक ऐसे अवैध रूप से नियुक्त कर्मचाियों के विरूद्ध राज्य सरकार व स्वस्थ मुख्यालय के बरिए अधिकारियों ने इतने गाभिर मामले में भी विभाग की चूपी ? क्या यही सुशासन है। प्रधान सचिव का दावा झूठा, बिहार के सभी जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यक्ष अमृत के पद पर रहते हुए जांच निष्पक्ष नहीं हो सकता राज्य सरकार अभिलंभ प्रधान सचिव को हटाए।