पटना : कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अबतक तीन बार संबोधित कर चुके हैं। शुक्रवार को अपने तीसरे संबोधन में उन्होंने देशवासियों से अपील की कि सभी लोग रविवार को रात्रि 9 बजे अपने घर के दरवाजे या बालकनी पर 9 मिनट के लिए दीया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल का फ्लैश जलाएं। इसे लेकर जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक(जाप) ने कई सवाल खड़े किए है।
जाप के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन काफी हास्यास्पद है। आज इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के पास पर्सनल पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट पीपीई नहीं है। धरती के ये भगवान अपनी जान खतरे में डाल कर कोरोना वायरस मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
प्रेमचंद ने आगे कहा कि अस्पतालों में वेंटिलेटर, आइसोलेशन वार्ड और टेस्टिंग किट का अभाव है। टेस्टिंग किट की कमी के कारण कोरोना संदिग्धों की जांच नहीं हो पा रही है और वे क्वारंटिन केन्द्र में रहने को मजबूर हैं। जहां अच्छे भोजन और बिजली की कमी है। इन अव्यवस्थाओं को दूर करने की जगह प्रधानमंत्री जी दीया और मोमबत्ती जलाने की बात कर रहे हैं। यह कहीं से भी देश हित में नहीं है।
दिहाड़ी और पलायित मजदूरों की समस्या उठाते हुए प्रेमचंद सिंह ने कहा बेघर लोग दीया, मोमबत्ती जलाने के लिए कहां से दरवाजे और बालकनी लाएंगे। ये लोग उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री इनके लिए किसी राहत पैकेज की घोषणा करेंगे। इनके भोजन और लॉकडाउन के कारण खत्म हुए रोजगार की समस्या का समाधान करेंगे। लेकिन मोदी जी को ताली-थाली और दीया-मोमबत्ती से फुर्सत नहीं है।