पटना (जेपी चौधरी) : देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के मामले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन का मतलब होता है तालाबंदी। अगर लॉकडाउन नहीं किया गया होता तो लाखों लोग करोना वायरस की चपेट में आ जाते। आजाद भारत में पहली बार लॉकडाउन हुआ ताकि लोग कोरोना जैसी घातक बीमारी से बच सकें।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया है कि रोजमर्रा के सामान के लिए ही आप घर से बाहर निकलें। देश में लाखों देवी-देवता के निवास स्थान बड़े-बड़े मंदिरों में भी लॉकडाउन हो गया है। अयोध्या में भी अरबों रुपये की लागत से मंदिर बनने जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनें। सरकार को यह रुपये मंदिर में न लगाकर अस्पताल बना देना चाहिए। मंदिर जरूर बनें इसका मैं विरोध नहीं करता, मगर स्वास्थ्य को देखते हुए अस्पताल पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।
एक विदेशी अखबार ने लिखा है कि विदेश में गिरजा घर होने के बावजूद भी यहां के लोग स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक जोर देते हैं। आज समय आ गया है कि 21वीं सदी में एक से एक अस्पताल बनाया जाये ताकि कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ा जा सके। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी राशन कार्डधारी को मुफ्त में अनाज और पैसे देने की बात कही है। जिनका राशन कार्ड नहीं है वे इस योजना से वंचित रहेंगे। इसलिए केन्द्र और राज्य सरकार को चाहिए आधार-कार्ड को देखकर मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाए। ताकि कोरोना के कहर से लोग बचा जा सके।
आज जितने विधायक, सांसद, मुखिया अस्पताल के बार में आवाज उठाए, कितने अस्पतालों में भिंटलेटर है या नहीं। देश में लगभग 4120 विधायक, 543 सांसद एवं 27 मुख्यमंत्री हैं। इन सभी के रहने के बावजूद विदेशों की तरह भारत में अस्पताल क्यों नहीं बना? जात-पात की भंवर में लोग फंस जाते हैं अगर अस्पताल बन जाता तो स्थिति इतना भयावह नहीं होती।
नरेंद्र मोदी की जितनी तारीफ की जाये कम होगा, क्योंकि उन्होंने डब्लूएचओ के कहने पर पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया। नहीं तो लाखों लोग मारे जाते, जलाने और दफनाने की जगहें कम पड़ जाती।वहीं सरकार को चाहिए कि देहारी कमाने वाले, मजदूरी करने वाले, ऑटो रिक्शा चालक, सडक़ पर खाना बनाने वाले, रेट लाइट एरिया में सामान बेचने वाले, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन लोगों को चिन्हित कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करें।
बहुत जगह दुकानदार एवं व्यापारी वर्ग महंगाई बढ़ाकर समान की बिक्री कर रहे हैं। जहां एक तरफ राष्ट्र कोरोना वारयस जैसी घातक बीमारी से लड़ रहा है वहीं उन्हें आगे आकर सोंचना चाहिए कि जनता और धरती रहेगी तभी तो तुम्हारा सामान की बिक्री होगी राष्ट्र अभी गंभीर दौर से गुजर रहा है सामर्थ लोग नवरात्रा के त्योहार में सभी गरीबों को खाना खिलाएं। तभी नवरात्रा का व्रत सफल होगा। व्यापारी लोग भी गरीबों के लिए जितना बन पड़े उतना सहयोग करें, क्योंकि कफ्न में जेब नहीं होता।