राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री राणा रणवीर सिंह ने बिहार की जनता से अपील किया है की जब आम लोग कोरोना वायरस के कारण हुए लॉक डाउन में सभी दलों के नेताओं से सवाल करे की मुसीबत के वक़्त आप कहाँ थे ।श्री राणा ने कहा की जब जनता परेशानी में थी तो नेताओं को सिर्फ अपनी जान की पड़ी थी वही दूसरी ओर डॉ , नर्स , प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नुमाइंदे , पुलिस के जवान , सफाई कर्मचारी भी तो आदमी हैं क्या इनलोगों की जान की कोई कीमत नहीं है सिर्फ राजनीतिक दलों के नेताओं की जान की कीमत होती है क्या । श्री राणा ने बड़े ही गुस्से में कहा की जब गरीब अपने जनप्रतिनिधियों को आँखे फाड़ फाड़ कर उनकी ओर देख रही थी की कही से कुछ सहायता मिल जाय उस वक्त कोई सामने नहीं आ रहे थे जैसे ही नेताओं को लगा की अब चुनाव होने वाले हैं तो तमाम दलों के नेता बिल से बाहर आ गए शहरों को बड़े बड़े होर्डिंग्स से पाट दिया गया वर्चुअल रैली करने लगे किसी नेता ने अपने कार्यकर्ताओं से संवाद करना सुरु कर दिया लेकिन कोरोना वायरस से किसको को कितनी परेशानी हुई इसकी किसी भी नेताओं को कोई मतलब नहीं । श्री राणा ने कहा की सभी दलों के नेताओं ने चुनाव में उनकी पार्टी कैसे जीत हासिल करे इसके लिए प्रचार प्रसार में लगे रहे किसी दल ने एक भी होर्डिंग नहीं लगाया जिसमें कोरोना वायरस से बचाव के उपाय बताए गए हो । बिहार से बाहर अपने रोजी रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों में गए बिहार के कामगारों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया और जब किसी तरह कामगार बिहार आए तो उन्हें कई राजनीतिक दलों ने वोट बैंक मानकर उनके सामने घड़ियाली आँसू बहाने लगे जैसे ये लोग बिहार वापस लौट आए लोगों के सच्चे हितैसी हैं । आज हालात यह है की कई प्रदेशों से वापस आए कामगारों सामने खाने के लाले पड़े हैं इसी मजबूरी के कारण हज़ारों कामगार फिर दूसरे प्रदेशों के लिए ट्रेनों , बसों से भर भर कर जाने को मजबूर हैं जो बहुत ही दुःखद है श्री राणा ने बिहार सरकार से माँग किया है की कोरोना वायरस के बचने के लिए बिहार में अपने घर लौटे कामगारों को बिहार में ही रोज़गार उपलब्ध कराई जाय क्योंकि महानगरों की हालत अभी भी कोरोना वायरस से बद से बदत्तर होती जा रही है ऐसे में अपने नागरिकों की जान माल की रक्षा करना बिहार सरकार की ज़िम्मेबारी है ।