बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ने को लेकर शुक्रवार को हमला बोला और कहा कि राजद में मान-सम्मान के साथ काम करना किसी भी राजनेता के लिए आसान नहीं है।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने यहां राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिरकार डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह के सब्र का बांध टूट ही गया और उन्हें राजद छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि जिस यंत्रणा के शिकार डॉ सिंह थे, जो संवादहीनता और अपमान का घूंट पीकर वह राजद में लंबे समय तक बने रहे उसके बाद अंतत: उनको यह निर्णय लेना पड़ा।
प्रसाद ने कहा कि डॉ सिंह के राजद छोड़ने को निस्संदेह पार्टी की डूबती नाव में एक बड़ा छेद के तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे बिल्कुल साफ है कि राजद में मान-सम्मान के साथ किसी भी राजनेता का काम कर पाना आसान नहीं है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि डॉ सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रमाण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) एवं विश्व के प्राचीनतम लोकतंत्र लिच्छवी (वैशाली) में झंडोत्तोलन करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। इसके अलावा उनकी ओर से जनहित में उठाए गए कई ऐसे सवाल हैं, जो निस्संदेह वार्ता के लिए विचारणीय हैं।
गौरतलब है कि फेफड़ों में संक्रमण के कारण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आईसीयू में भर्ती डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को ही वहीं से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।’’