लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीटों के बंटवारे पर बातचीत अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि तीन फरवरी को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली होने के बाद सीटों के तालमेल पर जल्द निर्णय हो जाएगा। पार्टी ने गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष की ‘जन आकांक्षा रैली’ के लिए राजद के तेजस्वी यादव और महागठबंधन के दूसरे प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया है।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जारी बातचीत से अवगत एक कांग्रेस नेता ने कहा, ”अब तक की बातचीत में सीटों को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष की रैली के बाद सीट बंटवारे से जुड़े मुद्दों को हल कर लिया जाएगा और जल्द निर्णय हो जाएगा।”
उधर, कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ”राहुल जी की रैली के बाद हम बैठेंगे और सीटों के बंटवारे के बारे में उचित समय पर घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा, ”राजद के साथ गठबंधन को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। हमारा गठबंधन विश्वास पर आधारित है। 1998 से हम साथ हैं।”
बिहार : सीट बंटवारा चुनौती, बिना कांग्रेस बनेगा ‘महागठबंधन’
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह में हुई बातचीत के दौरान कांग्रेस ने अपने लिए 15 सीटों पर जोर दिया, लेकिन कई नए सहयोगियों के साथ आने के कारण राजद उसकी इस मांग पर तैयार नहीं है। दरअसल, इस बार कई और पार्टियां महागठबंधन में शामिल हैं। इनमें उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी ”हम” , मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी और शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल शामिल है। वाम दलों के भी महागठबंधन में शामिल होने के आसार हैं।
इस बीच, कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत राहुल गांधी की रैली को सफल बनाने पर लगा दी है। पार्टी 28 वर्षों के बाद इस ऐतिहासिक मैदान में अपने दम पर कोई रैली करने जा रही है। गोहिल ने कहा, ”इस रैली के लिए हमने तेजस्वी यादव, मांझी और दूसरे सहयोगी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या सीटों के बंटवारे पर निर्णय से पहले कांग्रेस इस रैली के जरिये शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है, तो उन्होंने कहा, ”इस रैली का सीटों के बंटवारे से कोई लेनादेना नहीं है। हम सभी सहयोगियों को मिलकर भाजपा से लड़ना है और उसे हराना है।”